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जून, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

बारिश के ये साधारण मौसमी फल इन रोगों की छुट्टी कर देते हैं.....

बारिश का मौसम आ गया है। हमारे देश के कई हिस्से बरसात से तरबतर हैं। बरसात में रोगकारकों की ज्यादा उपस्थिति हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर ज्यादा तेजी से आक्रमण करती है। संक्रामक रोगों के होने का भय अक्सर बना रहता है। ऐसे में, पौष्टिक भोजन और स्वास्थवर्धक गुणों से भरपूर मौसमी फलों से हम कई तरह के रोगों से अपना बचाव कर सकते हैं और इस मौसम का भरपूर आनंद ले सकते हैं। चलिए, आज जानते हैं बारिश में आने वाले फलों के ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में..... 1. आडू माना जाता है कि इसके सेवन से शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इस फल का रस कई तरह के सूक्ष्म जीवों के संक्रमण से बचाव करता है। आडू के सेवन से कब्जियत और अपच की समस्या का निदान हो जाता है। 2. जामुन जामुन में लौह और फॉस्फोरस जैसे तत्व प्रचुरता से पाए जाते हैं। इसमें कोलीन और फोलिक एसिड भी भरपूर मात्रा में होता है। पातालकोट के आदिवासी मानते हैं कि जामुन के सेवन से पेट की सफाई हो जाती है। यह मुंह के स्वाद को भी ठीक कर देता है। जामुन के ताजे फल की करीब 100 ग्राम मात्रा को 300 मिली पानी के साथ रगड़ लें। इसके छिलके और रस निकाल ...

ऐसे करें पेट के रोगों से बचाव:

ऐसे करें पेट के रोगों से बचाव: गरमी के मौसम में पेट से संबंधित रोगों के मामले कुछ ज्यादा ही बढ़ जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इस मौसम में शरीर में पित्त दोष की अधिकता होती है। पित्त का संबंध हमारे पाचन तंत्र से होता है। इसलिए पित्त की अधिकता से कई प्रकार के पेट के रोग जैसे- पेट दर्द, अम्लपित्त (एसीडिटी), आंतों में सूजन, अतिसार (दस्त), गैस और अफारा हो जाते हैं। दूषित जल का दुष्प्रभाव गरमी के मौसम में आमतौर पर दूषित जल व प्रदूषित भोजन के सेवन से पेट दर्द, हैजा, टाइफाइड, आंतों में इंफेक्शन आदि रोग हो जाते हैं। पानी की कमी (डीहाइड्रेशन) के कारण भी शरीर दर्द, बुखार आदि रोग हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त लू लगना (सन स्ट्रोक) आदि स्वास्थ्य समस्याएं भी पैदा हो जाती हैं। गरम तासीर के पदार्र्थों से परहेज गरमी के मौसम में स्वस्थ रहने के लिए बहुत आवश्यक है शरीर में ठंडक बनाए रखना। चाय, काफी, मिर्च, गरम-मसाले, मांस (नॉन वेज), शराब, तंबाकू, खट्टे और गरम तासीर वाले भोजन का सेवन वर्जित है। दिन भर में दो से तीन लीटर पानी पिएं। नारियल पानी, तरबूज, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, आम का पना, सत्तू, ठंडे शर्बत (खस, गुलाब...

गैस, एसिडिटी, अपच, कब्ज दूर करती हैं पुदीने की चाय:

गैस, एसिडिटी, अपच, कब्ज दूर करती हैं पुदीने की चाय: ऑयली और स्पाइसी खाना खाने में तो बहुत ही स्वादिष्ट लगता है, लेकिन गर्मियों में इसका सेवन सेहत पर बुरा असर डालता है। इसलिए गर्मियों में हल्का खाना और खूब पानी पीना फायदेमंद कहा गया है। लिक्विड डाइट को वैसे भी शरीर के लिए बहुत ही जरूरी माना गया है। पुदीने की चाय: पुदीना एसिडिटी की समस्या को दूर करने में कारगर माना गया है। पुदीने की तासीर ठंडी होती है। यह खराब भोजन के कारण होने वाले पेट दर्द, मरोड़ और गैस से छुटकारा दिलाता है। इसमें मौजूद मेन्थॉल सांसों को रिफ्रेश करने के साथ ही अनेक प्रकार की बीमारियों से भी बचाता है। खाने के बाद एक कप पिपरमिंट टी पीने से पाचन सही रहता है। इसे बनाने के लिए पानी गर्म करके उसमें पिपरमिंट वाटर बैग डालें और 10-15 मिनट के लिए इसे ढंक कर छोड़ दें। 15 मिनट बाद इसमें से टी बैग निकालकर इसे पी लें। इससे पाचन दुरुस्त रहता है। natural health care products arjunarishta syrup ayurvedic liver tonic products ashwagandharishta uses www.herbalhealthcare.com alkaliser syrup ayurvedic healthcare

ये दो चीजें छोड़ेंगे तो हेल्दी हो जाएंगे स्पर्म काउंट:

ये दो चीजें छोड़ेंगे तो हेल्दी हो जाएंगे स्पर्म काउंट: कैफीन यूं तो कई रिसर्च कह चुकी हैं कि कैफीन का स्पर्म काउंट पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। ना तो शुक्राणुओं की संख्या पर ना ही उनके आकार पर। लेकिन हेल्‍थिस्टा के मुताबिक, अमेरिका की एक रिसर्च में पाया गया है कि बहुत ज्यादा कैफीन पीने से आईवीएफ तकनीक के द्वाा प्रेगनेंसी में दिक्कतें आती हैं। यानी आईवीएफ तकनीक से बच्चा पाने वालों को इसमें दिक्कतें आती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए दोनों ही पार्टनर्स को रोजाना एक कप कॉफी से ज्यादा नहीं पीना चाहिए। डाइट ड्रिंक: रिसर्च के मुताबिक, डाइट ड्रिंक्स में स्वीटर के लिए इस्तेमाल होने वाला एस्पार्टैम का ताल्लुक कम होते शुक्राणुओं की संख्या से है। साथ ही इसस स्पर्म डीएनए भी खराब होता है। आपको फुल फैट और हाई शुगर वाले डाइट ड्रिंक को पीने स बचना चाहिए। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि जो पुरुष बहुत ज्यादा मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक्स पीते हैं उनके स्पर्म काउंट घट जाते हैं।

पथरी के रामबाण घरेलू उपाय

पथरी के रामबाण घरेलू उपाय किडनी में स्‍टोन की समस्‍या आजकल आम हो चली है। इसकी बड़ी वजह खान-पान की गलत आदतें होती हैं। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो हमारे मूत्र में होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है या अगर किसी कारण से पेशाब गाढा हो जाता है तो किडनी के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोर वस्तुएं बन जाती हैं जिन्हे गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है। गुर्दे की पथरी अलग अलग आकार की हो सकती है| कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत हीं छोटे आकार के होते हैं तो कुछ बहुत हीं बड़े। आमतौर पर छोटे मोटे पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाया करते हैं लेकिन जो पथरी आकार में बड़े होते हैं वे बाहर नहीं निकल पाते एवं मूत्र के बाहर निकलने में बहुत ही बाधा डालते हैं उससे बहुत हीं ज्यादा पीड़ा उत्पन्न होती है। पथरी का दर्द कभी-कभी बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। इसमें पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रूक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो सकती है।यहाँ पर हम आपको पथरी के कुछ आसान घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं। *नारियल का पानी पीने...

अलसी खाएं सेक्स संबन्धी रोग भगाएं -

अलसी खाएं सेक्स संबन्धी रोग भगाएं - --------------------------------------------- होम्योपैथीक चिकित्सक आपकी सारी सेक्स सम्बंधी समस्याएं अलसी खिला कर ही दुरुस्त कर देगा क्योंकि अलसी आधुनिक युग में स्तंभनदोष के साथ साथ शीघ्रस्खलन, दुर्बल कामेच्छा, बांझपन, गर्भपात, दुग्धअल्पता की भी महान औषधि है। - सेक्स संबन्धी समस्याओं के अन्य सभी उपचारों से सर्वश्रेष्ठ और सुरक्षित है अलसी। बस 30 ग्राम रोज लेनी है। - सबसे पहले तो अलसी आप और आपके जीवनसाथी की त्वचा को आकर्षक, कोमल, नम, बेदाग व गोरा बनायेगी। आपके केश काले, घने, मजबूत, चमकदार और रेशमी हो जायेंगे। - अलसी आपकी देह को ऊर्जावान, बलवान और मांसल बना देगी। शरीर में चुस्ती-फुर्ती बनी गहेगी, न क्रोध आयेगा और न कभी थकावट होगी। मन शांत, सकारात्मक और दिव्य हो जायेगा। - अलसी में विद्यमान ओमेगा-3 फैट, जिंक और मेगनीशियम आपके शरीर में पर्याप्त टेस्टोस्टिरोन हार्मोन और उत्कृष्ट श्रेणी के फेरोमोन ( आकर्षण के हार्मोन) स्रावित होंगे। टेस्टोस्टिरोन से आपकी कामेच्छा चरम स्तर पर होगी। आपके साथी से आपका प्रेम, अनुराग और परस्पर आकर्षण बढ़ेगा। आपका मनभा...

पेड़ नहीं चमत्कार है 'सहजन'

पेड़ नहीं चमत्कार है 'सहजन' कल्पना करिए। एक ऐसा पेड़ जिसकी पत्तियों एवं फलियों में 300 से अधिक रोगों की रोकथाम के गुण, 92 विटामिन्स, 46 एंटी आक्सीडेंट, 36 दर्द निवारक और 18 तरह के एमिनो एसिड मिलते हों, तो इसे पेड़ की जगह चमत्कार ही मानेंगे न। आपके इर्द-गिर्द यूं ही उगने वाले 'सहजन' में यह सभी गुण मिलते हैं। इसकी खूबियां यहीं खत्म नहीं होतीं। चारे के रूप में इसकी हरी या सूखी पत्तियों के प्रयोग से पशुओं के दूध में डेढ़ गुने से अधिक और वजन में एक तिहाई से अधिक की वृद्धि की रिपोर्ट है। यही नहीं इसकी पत्तियों के रस को पानी के घोल में मिलाकर फसल पर छिड़कने से उपज में सवाया से अधिक की वृद्धि होती है। कुपोषण, एनीमिया (खून की कमी) के खिलाफ जंग में सर्वसुलभ और हर जगह पैदा होने वाला सहजन उपेक्षित है। राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास संस्थान (एनएचआरडीएफ) के उप निदेशक डा.रजनीश मिश्र के मुताबिक करीब पांच हजार साल पहले आयुर्वेद ने सहजन की जिन खूबियों को पहचाना था, आधुनिक विज्ञान में वे साबित हो चुकी हैं। दुर्भाग्य से जिनको (आम आदमी) इसके गुणों को जानना चाहिए वही इससे अनजान हैं। डा.मि...

प्याज का रस डायबिटीज पीडि़तों के लिए फायदेमंद.............

प्याज का रस डायबिटीज पीडि़तों के लिए फायदेमंद डायबिटीज पीडि़तों के लिए अच्छी खबर है। एक ताजा अध्ययन से पता चला है कि दैनिक उपभोग की वस्तु प्याज के रस को डायबिटीज रोधी दवा मेटफॉर्मिन के साथ देने से इस बीमारी से ग्रसित लोगों के रक्त में शुगर की मात्र को कम किया जा सकता है। इससे शरीर में बढ़ रहे कोलेस्ट्रॉल की मात्र पर न केवल लगाम लगाया जा सकता है, बल्कि उसे कम भी किया जा सकता है। चूहे पर किए गए परीक्षण से यह बात सामने आई है। अबराका (नाइजीरिया) स्थित डेल्टा स्टेट विश्वविद्यालय के शोधकर्ता एंथनी उजीह ने बताया कि फिलहाल वह ऐसा तरीका तलाशने में जुटे हैं जिससे प्याज के रस का इस्तेमाल मनुष्यों में ग्लूकोज की मात्र को कम करने में किया जा सके। शोधकर्ताओं ने पहले चूहों में कृत्रिम तरीके से शुगर की मात्र बढ़ा दी और फिर प्रति किलो वजन के हिसाब से 200, 400, 600 मिलीग्राम प्याज का रस मेटफॉर्मिन के साथ दिया। 400 और 600 मिलीग्राम की खुराक से रक्त में शुगर की मात्र में क्रमश: 50 और 35 फीसद तक की कमी दर्ज की गई। इससे डायबिटीज पीडि़त चूहों में कोलेस्ट्रॉल की मात्र में भी कमी देखी गई।

ये हैं अच्छे स्वास्थ्य के 6 लक्षण, जानिए कितने स्वस्थ हैं आप?

ये हैं अच्छे स्वास्थ्य के 6 लक्षण, जानिए कितने स्वस्थ हैं आप? हर इंसान स्वयं को पूरी तरह से स्वस्थ व हेल्दी महसूस करता है, जब तक कि उसे अचानक कोई रोग नहीं घेरता। रोग होने पर उसे पता चलता है कि वह किस भ्रम में जी रहा था। एक सामान्य मनुष्य को देखकर यह पता लगाना मुश्किल है कि वह वास्तव में पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं। कुछ लोग स्वयं को फिट दिखाने की कोशिश जरूर करते हैं, लेकिन वास्तविकता में ऐसा होता नहीं है। अच्छे स्वास्थ्य के कुछ खास मापदंड हैं। आज हम आपको इन्हीं मापदंडों के बारे में बता रहे हैं। आप इन मापदंडों पर कितने खरे उतरते हैं, इसके आधार पर आप स्वयं के स्वास्थ्य के बारे में अनुमान लगा सकते हैं- 1. एक स्वस्थ इंसान को सुबह और शाम को खुलकर भूख लगती है। उम्र के अनुरूप वह अपना संपूर्ण आहार ग्रहण करता है। यदि ऐसा नहीं है तो समझ लीजिए आप स्वस्थ नहीं हैं। 2. गहरी नींद अच्छे स्वास्थ्य की निशानी मानी जाती है। कुछ लोगों को बिस्तर पर सोते ही गहरी नींद आ जाती है। यह एक अच्छा संकेत है, लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो आपको समझ जाना चाहिए कि आपके स्वास्थ्य में कुछ गड़बड़ है। 3. रात भर सोने के बाद स्व...

क्या करें जब नाक से खून बहे

नकसीर के घरेलू इलाज..... नकसीर फूटने पर एक चम्मच घास का रस और एक चम्मच शहद रोगी को चाटना चाहिए। घास का रस नाक में डालना भी फायदेमंद रहता है।  रोग की दशा में नाक में अनार के फूल का रस, आम की गुठली का रस, प्याज का रस डालने से भी रोग में फायदा  पहुँचता है।  रोगी को आराम से लिटाने के पश्चात्‌ उसे पीली गीली मिट्टी सूँघने को दें। ऐसा करने से नकसीर आनी बंद हो जाती है।  थोड़े से पानी में फिटकरी का पाउडर घोलकर नाक में टपकाने से रोग में फायदा होता है।  अंगूर के रस की पाँच बूँदें नाक में टपकाने से नकसीर रोग में फायदा होता है।  गर्मियों में अगर नकसीर फूटती है तो संभव होने पर सिर को मुंडवा कर उस पर गाय के घी की मालिश करनी चाहिए।  माथे पर लाल या पीला चंदन, मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाने से गर्मी से फूटने वाली नकसीर ठीक होती है।  पुराने जुकाम या नजले की वजह से अगर नकसीर फूटती है तो सबसे पहले इनका उपचार करना चाहिए।  घिसे हुए लाल चंदन में मिश्री मिलाकर पीने से भी रोग में फायदा होता है।

सुखी जीवन के लिए ये 5 काम नहीं करना चाहिए

कई बार जिंदगी डी-रेल हो जाती है, यानी ट्रैक से उतर जाती है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम सोचने लग जाएं कि चीज़ें दोबारा ठीक ही नहीं होंगी। बिगड़ी बातों को ध्यान में रखकर जीवन को फिर से ट्रैक पर लाया जा सकता है। 1. दिखावा ना करें: जैसे हम हैं, वैसे दोबारा बनने का जो दिखावा या ड्रामा हम कर रहे हैं, उसे करना बंद कर देना चाहिए। दिखावे से बाहर आकर सामान्य स्थिति में रहें। 2. खुद को जिम्मेदार न समझें कभी-कभी कुछ गलतियां दूसरों से हो जाती हैं और इसके लिए हम खुद को जिम्मेदार समझने लगते हैं। जो गलत काम हमने नहीं किया है, उसके लिए भी खुद को कसूरवार ठहराने की कोशिश नहीं करना चाहिए। 3. बार-बार अफसोस ना करें: अतीत, अतीत है। बीत चुका है। अतीत में जो गलतियां हुई हैं, उन्हें याद रखने से कोई मतलब नहीं है। भविष्य को खूबसूरत बनाने में जुट जाएं। बार-बार अफसोस करने से भी कोई फायदा नहीं होगा। 4. दूसरों से तुलना ना करें: यह सोचना कि बाकी लोगों का जीवन, आपकी तुलना में काफी आसान है। जबकि हर व्यक्ति की अपनी अलग समस्याएं या परेशानियां होती हैं। अपनी तुलना बस खुद से ही करना चाहिए, दूसरों के साथ तुलना ना करें। 5. ई...

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

कब्ज: कब्ज से पीड़ित रोगी को पक्का खरबूजा खाना चाहिए। इससे कब्ज नष्ट होती है। गुर्दे का रोग: खरबूजे के बीजों को छीलकर पीस लें और पानी में मिलाकर हल्का सा गर्म करके पीएं। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक करने से गुर्दों का रोग ठीक हो जाता है। जिगर का रोग: खरबूजा सेवन करने से जिगर की सूजन दूर होती है। सिर का दर्द: खरबूजे के बीजों को गाय के घी व मिश्री में मिला लें और इसे बर्फी की तरह जमाकर सुबह-शाम लगभग 50-50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसके बाद गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीएं। इससे सिर का दर्द ठीक होता है। पथरी: 1 चम्मच खरबूजे का छीला हुआ बीज, 15 दाने बड़ी इलायची तथा 2 चम्मच मिश्री के साथ पीस लें और इसे 1 कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीएं। इससे गुर्दे की पथरी गल जाती है। मूत्रकृच्छ्र (पेशाब करने में परेशानी): खरबूजा के बीजों को खाने से मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है।

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें, दूर होगी दरिद्रता

नियमित रूप से किए गए पूजन कर्म से भगवान बहुत ही जल्द प्रसन्न होते हैं। भगवान की प्रसन्नता से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं, दरिद्रता से मुक्ति मिल सकती है। सभी देवी-देवताओं में शिवजी का विशेष स्थान है। शिवपुराण के अनुसार इस संपूर्ण सृष्टि की रचना शिवजी की इच्छा से ही ब्रह्माजी ने की है। महादेव की पूजा से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और कुंडली के ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। यहां जानिए शिव कृपा पाने के लिए उपाय... शिवलिंग पर चढ़ाएं ये 10 चीजें 1. जल, 2. दूध, 3. दही, 4. शहद, 5. घी, 6. शकर, 7. ईत्र, 8. चंदन, 9. केशर, 10. भांग (विजया औषधि) इन सभी चीजों को एक साथ मिलाकर या एक-एक चीज से शिवजी को स्नान करवा सकते हैं। शिवपुराण में बताया गया है कि इन चीजों से शिवलिंग को स्नान कराने पर सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। स्नान करवाते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करना चाहिए। दस चीजें और उनसे मिलने वाले फल 1. मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है। 2. शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है। 3. दूध अर्पित करने से उत्तम स्...

बाप आखिर बाप होता है l

अक्सर नए एम्प्लोयस ये सोचते  है की उनकी गलतियों का उनके सीनियर्स को पता नही चलेगा। लेकिन वो भूल जाते है कि जिस दौर से वो गुजर रहे है उनके सीनियर्स भी वही से गए है।  इसिलए कभी कोशिस नही करनी चाहये कि आप उनको झूठ बोल कर अपनी गलती छुपा सकते है। इस विषय में एक छोटा सा किसा सुनाता हूँ उम्मीद है आपको अच्छा और ज्ञान वर्दक महसूस होगा। एक बार एक बाप अपने बेटे से मिलने शहर जाता है l वहां उसके बेटे के साथ एक खूबसूरत लड़की भी रहती है l तीनों डिनर की टेबल 🍮🍷 पर बैठ जाते हैं l पापा :- बेटा तुम्हारे साथ ये लड़की कौन है ? लड़का :- पापा, ये लड़की मेरी रूम पार्टनर है, और मेरे साथ ही रहती है l लड़का :- मुझे पता है कि आप क्या सोच रहे होंगे……… लेकिन हम दोनों के बीच कोई ऐसा रिलेशनशिप नही है l हम दोनों के कमरें अलग हैं, और हम लोग अलग-अलग ही सोतें हैं l केवल हम लोग बहुत अच्छे दोस्त हैं l पापा :- अच्छा बेटा …!! दूसरे दिन उसके पापा वापस चले जाते हैं l एक सप्ताह बाद लड़की :- सुनो, पिछले संडे तुम्हारे पापा ने जिस प्लेट 🍮 मे डिनर किया था, वो प्लेट गायब है l मुझे तो शक है कि...

चीजें वही रहती हैं पर नजरिया बदलने से पूरा परिणाम बदल जाता है।

हर घटना के दो पहलू होते है और हर घटना के परिणाम भी दो ही होते है।  financial year की क्लोजिंग पर अक्सर हम दोनों पहलू पर गौर करते है।  एक पहलू की हमने क्या लाभ अर्जित किया और दूसरा की हमने किस -किस विभाग में नुक्सान उठाना पड़ा। किन्तु अगर हम केवल नुक्सान को ही हमियत देते है तो यह हमारी ग्रोथ वही रुक जाती है।  अपनी अंतिम रिपोर्ट को नकारात्मक बनाने की बजाये सकारात्मक ढंग से लिखे। इसी विषय में कुछ पंकतिया पेश कर रहा हु उम्मीद है आपको inspiration provide करेगी। एक महान लेखक अपने लेखन कक्ष में बैठा हुआ लिख रहा था। 1) पिछले साल मेरा आपरेशन हुआ और मेरा गालब्लाडर निकाल दिया गया। इस आपरेशन के कारण बहुत लंबे समय तक बिस्तर पर रहना पड़ा। 2) इसी साल मैं 60 वर्ष का हुआ और मेरी पसंदीदा नौकरी चली गयी। जब मैंने उस प्रकाशन संस्था को छोड़ा तब 30 साल हो गए थे मुझे उस कम्पनी में काम करते हुए। 3) इसी साल मुझे अपने पिता की मृत्यु का दुःख भी झेलना पड़ा। 4) और इसी साल मेरा बेटा कार एक्सिडेंट हो जाने के कारण मेडिकल की परीक्षा में फेल हो गया क्योंकि उसे बहुत दिनों तक अस्पताल में रह...

योनि से संबधित कुछ रोग एवं उनका निदान।

योनि में खुजली: योनि में खुजली होने पर तुलसी के पत्तों का लेप लगाएं। खुजली ठीक हो जाएगी। केले के गूदे में आंवले का रस और मिश्री मिलाकर खाने से खुजली ठीक हो जाती है। नारियल के तेल में भीमसेनी कपूर मिलाकर योनिमार्ग में लगाने से भी खुजली ठीक हो जाती है। नीम की पत्ती, गिलोय, मुलहठी, त्रिफला और शरपुंखा को एक समान मात्रा में लेकर कूट लें। फिर १० ग्राम चूर्ण को पांच सौ ग्राम पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाए, तो उतार कर छान लें। इस पानी से २ – ३ बार नियमित रूप से योनि को धोने से खुजली दूर हो जाएगी। अच्छी क्वालिटी के अल्कोहल से योनिमार्ग को धोने से खुजली से आराम मिलता है। २०० ग्राम गेहूं को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीस कर शुद्ध घी में इसका हलवा बनाकर दिन में २ – ३ बार खाएं। खुजली में आराम मिलेगा। योनिमार्ग और उसके आस पास के अंग को हमेशा साफ रखें।  योनि की खुजली के कारण अगर योनि में दर्द हो और सूजन आ गई हो या घाव हो गया हो, तो अरंड के तेल को रूई के फाहे में भिगोकर योनि के अंदर रखें। एक सप्ताह में संतोष जनक आराम मिलेगा। एक ग्लास छाछ में एक नींबू निचोड़कर सुबह...

मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा कम करता है ............कॉफी.....................

मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा कम करता है ............कॉफी..................... कॉफी का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि यह केंद्रीय स्नायुतंत्र की खतरनाक बीमारी 'मल्टीपल स्क्लेरोसिस' (एमएस) के खतरे को कम करता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है। वैसे इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका था कि कॉफी का सेवन पार्किं सन व अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा कम करता है। अमेरिका के बाल्टीमोर में जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में अध्ययन के लेखक एलन मॉरी ने कहा कि हमारे अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कॉफी का सेवन एमएस से भी हमें सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इससे इस विचार को बल मिलता है दवाएं मस्तिष्क को भी प्रभावी ढंग से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। अध्ययन में कॉफी नहीं पीने वाले लोगों की तुलना में दिनभर में चार से छह कप कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा एक से आधे प्रतिशत तक कम देखा गया। मॉरी ने कहा कि इस बीमारी के उपचार के लिए कैफीन पर अध्ययन किया जाना चाहिए। अध्ययन का निष्कर्ष वाशिंगटन डीसी में 18-25 अप्रैल को अमेरिकन अक...

कम नमक के सेवन से भी होता है हाई ब्लड प्रेशर................

उच्च रक्तचाप के लिए ज्यादा नमक ही जिम्मेदार नहीं, बल्कि कम मात्रा में पोटाशियम का सेवन भी आपको इसका मरीज बना सकता है। एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है। शोधकर्ताओं ने पाया है कि आहार में अधिक पोटाशियम ग्रहण करने वाली किशोरियों में बाद में रक्त चाप कम पाया गया। बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के लीन मूरे ने कहा, इसके विपरीत, रक्तचाप पर अकेले सोडियम का कोई प्रभाव नहीं दिखाई पड़ा, जिसके कारण वैश्विक स्तर बच्चों तथा किशोरों के आहार में सोडियम की मात्रा कम करने की जरूरत पर बल देने की जरूरत नहीं। उच्च रक्तचाप को कम करने वाले आहार निष्कर्ष के मुताबिक, जो किशोरियां प्रतिदिन तीन हजार मिलीग्राम नमक का सेवन करती हैं, उनके रक्त चाप पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता, जबकि जो किशोरियां प्रतिदिन 2,400 मिलीग्राम या उससे अधिक पोटाशियम का सेवन करती हैं, तो बाद में उनका रक्त चाप कम होता है। गौर हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) लोगों को दो हजार मिलीग्राम से अधिक सोडियम का सेवन नहीं करने की सलाह देता है। शोधकर्ताओं ने किशोरावस्था के अंत में आहार में सोडियम व पोटाशियम का रक्तचाप पर दीर्घावधि तक प्...

जल्दी ही कैंसर का पता लगा सकेगा आपका स्मार्टफोन..............

वैज्ञानिकों का कहना है कि एक नया उपकरण आपके स्मार्टफोन को कैंसर का पता लगाने वाले सस्ते माध्यम में बदल सकता है। इसकी मदद से महज एक घंटे में कैंसर का पता लगाया जा सकता है। ‘डी3’ (डिजिटल डिफ्रैक्शन डायगनोसिस) नामक एक इमेजिंग मॉड्यूल होता है, जो बैटरी चालित एलईडी लाइट के साथ सामान्य स्मार्टफोन में लगा होता है। यह फोन कैमरा के माध्यम से हाई-रेशेल्यूशन वाले आंकड़े रेकार्ड करता है। बोस्टन स्थित मसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के अनुसंधानकर्ता, जिन्होंने उपकरण विकसित किया है, का कहना है कि पारंपरिक माइक्रोस्कोपी के मुकाबले यह ज्यादा शक्तिशाली है। डी3 प्रणाली एक तस्वीर में 1,00,000 से ज्यादा रक्त और सामान्य कोशिकाओं का विश्लेषण कर आंकड़े एकत्र कर सकती है। ट्यूमर के आण्विक विश्लेषण हेतु रक्त या उत्तक के नमूने को माइक्रोबिड्स से लेबल किया जाता है और उसे डी3 इमेंजिंग मॉड्यूल में लोड किया जाता है। माइक्रोबिड्स कैंसर से जुड़े आणुओं को बांधने के काम आते हैं। डी3 परीक्षण का परिणाम एक घंटे के भीतर आ जाता है और इसमें महज 1.80 डॉलर प्रति परीक्षण खर्च आता है। इस प्रणाली में और सुधार आने पर की...

आंखों के नीचे काला घेरा यानी डार्क सर्कल हैं, तो एैसे करें उपाय:

आंखों के नीचे काला घेरा यानी डार्क सर्कल हैं, तो एैसे करें उपाय: डार्क सर्कल यानी काले घेरे को ट्रीट करने का सबसे अच्छा उपाय खीरे का इस्तेमाल करना होता है। खीरा एक अच्छा एस्ट्रीजेंट होता है और यह बेहतरीन क्लींनजर भी होता है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को खत्म कर देता है। खीरे के स्लाइस काट लें और उन्हे आंखों पर रख लें। ऐसा दिन में दो बार करें, लगभग दस दिन में लाभ मिल जाएगा। अगर आंखों के नीचे डार्क सर्कल हैं तो खूब पानी पिएं। पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन किसी भी दवाई से बेहतर होता है। यह एक साधारण घरेलू उपाय है जो आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों को दूर कर देता है। पानी पीने से स्कीन हाईड्रेट रहती है और डार्क सर्कल नहीं हो पाते हैं। एैसे पड़ते हैं आंखों के नीचे काले घेरे: डार्क सर्कल काफी लंबे समय तक सही तरीके से नींद पूरी न होने पाने की वजह से भी आंखों के नीचे काले घेरे पड़ जाते हैं। अगर आपकी नींद पिछले कई दिनों से पूरी नहीं हुई है तो सबसे पहले सोएं। जब आप पूरा आराम लेंगे और आंखों को आराम देंगे तो काले घेरे अपने आप सही हो जाएंगे। आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे, व्यक...

कमर दर्द होने पर इन नुस्‍खों को अजमाएं

कमर दर्द होने पर इन नुस्‍खों को अजमाएं: कमल ककड़ी के चूर्ण को दूध में उबालकर पीने से भयंकर से भयंकर दर्द में भी आराम मिलता है। सोंठ और गोखरू बराबर मात्रा में लेकर उसका क्‍वाथ बनाकर सुबह शाम पीने से कमर दर्द में आराम मिलता है। सौ ग्राम अजवायन का चूर्ण और सौ ग्राम गुड़ एक साथ मिलाकर किसी डिब्‍बे में रख लें और ५ – ५ ग्राम सुबह शाम खाएं। इससे कमर दर्द में आराम मिलता है तथा दर्द भी दूर हो जाता है। पांच ग्राम खजूर को उबालकर उसमें २ ग्राम मेथी का चूर्ण डालकर रोज पीने से कमर दर्द में राहत मिलती है।

गर्भधारण एवं बांझपन निवारक नुस्‍खे:

बांझपन की दशा में... सेमर की जड़ पीसकर ढाई सौ ग्राम पानी में पकाएं और फिर इसे छान लें। मासिक धर्म के बाद चार दिन तक इसका सेवन करें। ५० ग्राम गुलकंद में २० ग्राम सौंफ मिलाकर चबाकर खाएं और ऊपर से एक ग्‍लास दूध नियमित रूप से पिएं। इससे आपको बांझपन से मुक्ति मिल सकती है। गुप्‍तांगों की साफ सफाई पर विशेष ध्‍यान दें। खाने में जौ, मूंग, घी, करेला, शालि चावल, परवल, मूली, तिल का तेल, सहिजन आदि जरूर शामिल करें। पलाश का एक पत्‍ता गाय के दूध में औटाएं और उसे छानकर पिएं। मासिक धर्म के बाद से पीना शुरू करें और ७ दिनों तक प्रयोग करें।  पीपल के सूखे फलों का चूर्णं बनाकर रख लें। मासिक धर्म के बाद ५ – १० ग्राम चूर्णं खाकर ऊपर से कच्‍चा दूध पिएं। यह प्रयोग नियमित रूप से १४ दिन तक करें। मासिक धर्म के बाद से एक सप्‍ताह तक २ ग्राम नागकेसर के चूर्णं को दूध के साथ सेवन करें। आपको फाएदा होगा।  ५ ग्राम त्रिफलाधृत सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है। जिससे महिला गर्भधारण करने के योग्‍य हो जाती है। गर्भधारण हेतू कुछ उपाय तीन ग्राम गोरोचन, १० ग्राम असगंध, १० ग्राम गजपीपरी तीनों को ब...

मोटापा दूर करने का उपाय...

मोटापा दूर करने का उपाय... सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर पिएं। मोटापा दूर करने का यह अजमाया और जाना माना नुस्खा है। तीन – चार महीने तक रोजाना सुबह दस से बारह करीपत्ता खाएं। यह फैट गलाने में सहायक होता है। तीन चम्मच नींबू के रस में आधा ग्राम काली मिर्च का पाउडर और थोड़ा सा शहद मिलाकर तीन से चार माह तक पीएं। मोटापे से राहत मिलेगी। रोजाना सुबह नाश्ते में दो टमाटर खाएं। यह आपकी कैलोरी लेने की क्षमता को कम करता है। पर टमाटर की एक खासियत यह है कि चमड़ी का रंग भी काला करता है। इसलिए लड़कियों को टमाटर सोच समझ कर खाना चाहिए। अधिक मात्रा में टमाटर खाने से उनका रंग काला हो सकता है।  ग्रीन टी वजन कम करने में बहुत सहायक होती है। आप रोजाना तीन से चार कप ग्रीन टी अवश्य पिएं। इससे मोटापा दूर होता है।

पेशाब रुकने की तकलीफ:

जिसको पेशाब रुकने की तकलीफ होती है जौ के आट्टे की रोटी खाये | अपने आप तकलीफें दूर हो जायेगी| मुली खाये तभी भी पेशाब रुकने की तकलीफ ठीक हो जाएगी | 1) दिन में ३-४ लिटर पानी पीने की आदत डालें। लेकिन शाम को ६ बजे बाद जरुरत मुताबिक ही पानी पियें ताकि रात को बार बार पेशाब के लिये न उठना पडे। 2) अलसी को मिक्सर में चलाकर पावडर बनालें । यह पावडर २० ग्राम की मात्रा में पानी में घोलकर दिन में दो बार पीयें। बहुत लभदायक उपचार है। 3) कद्दू में जिन्क पाया जाता है जो इस रोग में लाभदायक है। कद्दू के बीज की गिरी निकालकर तवे पर सेक लें। इसे मिक्सर में पीसकर पावडर बनालें। यह चूर्ण २० से ३० ग्राम की मात्रा में नित्य पानी के साथ लेने से प्रोस्टेट सिकुडकर मूत्र खुलासा होने लगता है। 4) चर्बीयुक्त ,वसायुक्त पदार्थों का सेवन बंद कर दें। मांस खाने से भी परहेज करें। 5) चाय और काफ़ी में केफ़िन तत्व पाया जात है। केफ़िन मूत्राषय की ग्रीवा को कठोर करता है और प्रोस्टेट रोगी की तकलीफ़ बढा देता है। इसलिये केफ़िन तत्व वाली चीजें इस्तेमाल न करें। 6) सोयाबीन में फ़ायटोएस्टोजीन्स होते हैं जो शरीर मे टेस्टोस्टरोन का लेविल ...

अच्छे सेक्स के लिए आयुर्वेदा

कामेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो इसके लिए आयुर्वेद में कई कारगर औषधियां आपके लिए मददगार हो सकती हैं. योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह पर इनके सेवन से आपको फायदा मिल सकता है. 1.अश्वगंधा के सेवन से कामेच्छा बढ़ती है. यह शरीर के निचले भाग में रक्त प्रवाह बढ़ाता है. दो ग्राम अश्वगंधा पाउडर के सेवन की सलाह से कामेच्छा बढ़ती है. हाई बीपी के मरीज हैं तो इसके सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें. 2. महिलाओं में कामेच्छा बढ़ाने के लिए शतवारी का सेवन फायदेमंद माना जाता है. इसका सेवन महिलाओं के शरीर में सेक्स हार्मोन का बैलेंस बनाता है. 3. गोक्षुरा जिसे गोखरू भी कहते हैं के सेवन से पुरुषों की सोक्स क्षमता बढ़ती है. यह शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड का स्तर बढ़ाता है. इससे पुरुषों में इरेक्शन की प्रक्रिया आसान हो जाती है और यह लंबे समय तक रहता है. 4. शिलाजीत का सेवन पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ाता है जिससे उनमें कामेच्छा बढ़ती है. इसके अलावा, यह वीर्य की गुणवत्ता और गति भी बढ़ाता है जिससे फर्टिलिटी अधिक हो जाती है. 5. जिनसेंग एक चाइनीज हर्ब है जो कामेच्छा और प्रजनन क्षमता, दोनों के लि...

फटे पैरों के उपचार के लिए आसान घरेलू नुस्‍ख

अगर पैरों की देखभाल अच्छे तरीके से न किया जाए तो पैर फट जाते हैं। नंगे पैर चलने के कारण या फिर खून की कमी से पैर फटते हैं। अगर आप पैरों की सफाई पर ध्यान नहीं देते हैं तो एड़ियां फट जाती हैं और उनमें दरारे आ जाती हैं। उसे बिवाई भी कहते हैं। अगर किसी के पैर फट जाते हैं तो वह बहुत गंदा लगता है। अक्सर लोगों को फटे पैरों के कारण शर्मिंदा भी होना पड़ता है। एड़ियां फटने के बाद उनकी देखभाल न की जाए तो खून निकलने लगता और बहुत दर्द होता है। आइए हम आपको फटे पैरों के लिए कुछ घरेलू उपचार (Gharelu Nuskhe) के बारे में बताते हैं। फटे पैरों के लिए घरेलू उपचार :- अमचूर का तेल 50 ग्राम, मोम 20 ग्राम, सत्यानाशी के बीजों का पावडर 10 ग्राम और 20 ग्राम शुद्ध घी ले लीजिए। इन सबको मिलाकर एक जार में डाल दीजिए। सोते समय पैरों को धोकर साफ कर लें और पोंछकर यह दवा बिवाई में भर दें और मोजे पहनकर सो जाइए। त्रिफला चूर्ण को खाने के तेल में तलकर मलहम जैसा गाढ़ा कर लीजिए। रात में सोते वक्त इस पेस्ट को फटे पैरों पर लगा लीजिए। कुछ दिनों तक इस लेप को लगाने से फटी एड़ियां ठीक हो जाएंगी और पैर कोमल होंगे। रात में सोने से ...

अरहर : विभिन्न रोगों में अरहर से उपचार (Treatment of various diseases)

अरहर परिचय (Introduction) अरहर दो प्रकार की होती है पहली लाल और दूसरी सफेद। वासद अरहर की दाल बहुत मशहूर है। सुस्ती अरहर की दाल व कनपुरिया दाल एवं देशी दाल भी उत्तम मानी जाती है। दाल के रूप में उपयोग में लिए जाने वाली सभी दलहनों में अरहर का प्रमुख स्थान है। यह गर्म और रूक्ष होती है जिन्हें इसकी प्रकृति के कारण हानि हो वे लोग इसकी दाल को घी में छोंककर खायें, फिर किसी प्रकार की हानि नहीं होगी। अरहर के दानों को उबालकर पर्याप्त पानी में छौंककर स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है। अरहर की हरी-हरी फलियों में से दाने निकालकर उसका सब्जी भी बनायी जाती है। बैंगन की सब्जी में अरहर की हरी फलियों के दाने मिलाने से अत्यंत स्वादिष्ट सब्जी बनती है। अरहर की दाल में इमली अथवा आम की खटाई तथा गर्म मसाले डालने से यह अधिक रुचिकारक बनती है। अरहर की दाल में पर्याप्त मात्रा में घी मिलाकर खाने से वह वायुकारक नहीं रहती। इसकी दाल त्रिदोषनाशक (वात, कफ और पित्त) होने से सभी के लिए अनुकूल रहती है। अरहर के पौधे की सुकोमल डंडियां, पत्ते आदि दूध देने वाले पशुओं को विशेष रूप से खिलाए जाते हैं। इससे वे अधिक तरोताजा बनते हैं और ...

कष्टों से बचने के लिए ध्यान रखें चाणक्य की ये नीति:

कष्टों से बचने के लिए ध्यान रखें चाणक्य की ये नीति:  हर व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख का आना-जाना लगा रहता है। कोई भी व्यक्ति सुख को जाने से और दुख को आने से रोक नहीं सकता है। भविष्य के दुख को रोकने के लिए हमें वर्तमान से ही ऐसे काम करते रहना चाहिए, जिनसे कोई परेशानी उत्पन्न न हो। आचार्य चाणक्य ने एक नीति में बताया है कि हमें भविष्य के कष्टों से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और कौन-कौन सी बातें इंसान को दुख प्रदान कर सकती हैं। इन नीति का ध्य ान रखने पर व्यक्ति को जीवन में कामयाबी हासिल हो सकती हैं और निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है। आचार्य चाणक्य कहते हैं- कष्टं च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम्। कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्।। आचार्य चाणक्य ने इस श्लोक में बताया है कि किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे बड़ा दुख है मूर्ख होना। यदि कोई व्यक्ति मूर्ख है तो वह जीवन में कभी भी सुख प्राप्त नहीं कर सकता है। उसे जीवन में हर कदम दुख और अपमान ही झेलना पड़ता है। बुद्धि के अभाव में इंसान कभी उन्नति नहीं कर सकता। अत: अज्ञान को दूर करने का प्रयास करना चाहिए...

नंगे पैर घूमने के फायदे

आज हम बात करते नंगे पैर घूमने के फायदे के बारे में दोस्तों बाहर नंगे पैर घूमने से हमें अकसर मना किया जाता है। लेकिन कुदरत के आंगन में नंगे पैर घूमने से आपको कई लाभ मिल सकते हैं। आप कुदरत के करीब आते हैं और साथ ही आपका व्यायाम भी हो जाता है। भला क्यों न घूमें नंगे पैर हमें बचपन से नंगे पैर न घूमने की सलाह दी जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नंगे पैर घूमने के भी अपने फायदे हैं। और शायद ये फायदे सुनकर आप हैरान रह जाएं। दुविधा दूर करे जब आप नंगे पैर चल रहे होते हैं, तो आप हर कदम सोच समझकर रखते हैं। आप अपने पैरों को कांटों और पत्थरों से बचाने का प्रयास करते हैं। इस समय आप पूरी तरह से सजग रहते हैं। आपकी अंदर मची हलचल शांत हो जाती है और आप इस एक पल पर ध्यान केंद्रित करने में लग जाते हैं। इससे आपको आज और अभी में जीने का अनुभव होता है। नंगे पैर चलने से मांसपेशियां स्ट्रेच और मजबूत होती हैं। इससे पिण्डली, टखनों, एड़‍ियों और पैरों की मांसपेशियों का अच्छा-खासा व्यायाम हो जाता है। इससे चोट लगने, घुटनों में खिचाव आने और कमर दर्द की समस्याओं से राहत मिलती है। नंगे पैर चलने से आपका पॉश्चर भी स...

धनिया के फायदे

खान-पान में महत्‍पूर्ण स्‍थान रखने वाला हरी धनिया स्‍वास्‍थ्‍य के लिए भी है उपयोगी: भारतीय खानपान में हरी धनिया का उपयोग सदियों से होता आ रहा है। यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभप्रद होती है। इसमें प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज आदि पाया जाता है। इसके अलावा हरी धनिया के पत्‍ती में कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी भी पाया जाता हैं। हरी धनिया पेट की समस्‍याओं के लिए बहुत फायदेमंद है, यह पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिया का प्रयोग शकाहार और मांसाहार दोनों में किया जाता है। गुणों से भरपूर धनिया के फायदों के बारे में हम आपको जानकारी दे रहे हैं। हरी धनिया पेट की समस्‍याओं का निवारण करता है, यह पाचनशक्ति बढ़ाता है। धनिया को ताजी छाछ में मिलाकर पीने से बदहजमी, मतली, पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। टाइफाइड में भी यह उपयोगी है, टाइफाइड होने पर हरी धनिया के पत्‍तों का सेवन करना चाहिए। धनिया के सूखे बीज को पानी में उबाल कर छान लें और ठंडा करें, इस पानी को पीने से कोलेस्ट्राल का स्‍तर कम करने में मदद मिलती है। एक चम्मच धनिया के जूस को चुटकी भर हल्दी के...

संतरा के औषधीय गुण :

संतरा के औषधीय गुण : संतरा एक स्वास्थ्यवर्धक फल है। इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन सी होता है। लोहा और पोटेशियम भी काफी होता है। संतरे की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें विद्यमान फ्रुक्टोज, डेक्स्ट्रोज, खनिज एवं विटामिन शरीर में पहुंचते ही ऊर्जा देना प्रारंभ कर देते हैं। संतरे के सेवन से शरीर स्वस्थ रहता है, चुस्ती-फुर्ती बढ़ती है, त्वचा में निखार आता है तथा सौंदर्य में वृद्धि होती है। उपयोग : संतरे का एक गिलास रस तन-मन को शीतलता प्रदान कर थकान एवं तनाव दूर करता है, हृदय तथा मस्तिष्क को नई शक्ति व ताजगी से भर देता है। पेचिश की शिकायत होने पर संतरे के रस में बकरी का दूध मिलाकर लेने से काफी फायदा मिलता है। संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। रक्तस्राव को रोकने की इसमें अद्भुत क्षमता है। तेज बुखार में संतरे के रस का सेवन करने से तापमान कम हो जाता है। इसमें उपस्थित साइट्रिक अम्ल मूत्र रोगों और गुर्दा रोगों को दूर करता है। दिल के मरीज को संतरे का रस शहद मिलाकर देने से आश्चर्यजनक लाभ मिलता है। संतरे के सेवन से दाँतों और मसूड़ों के रोग भी दूर होते हैं। छोटे ...

तरबूज के औषधीय गुण :

तरबूज के औषधीय गुण : हर मौसम में मौसम विशेष के फल कुछ अतिरिक्त विशेषताएँ रखते हैं। औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण ही गर्मियों में तरबूज को घरेलू डॉक्टर का दर्जा दिया गया है। विभिन्न तरीकों से खाने पर इसके अलग-अलग लाभ हैं- सिरदर्द : इन दिनों सिरदर्द होने पर तरबूज के लाल गूदे के रस में पिसी हुई मिश्री मिलाकर पीने से दर्द दूर हो जाता है। फोड़े-फुंसी : बहुत-से लोगों की त्वचा पर गर्मियों के शुरू होते ही फोड़े-फुंसी निकल आते हैं। इनसे निजात पाने के लिए नियमित रूप से तरबूज खाना शुरू कर दें। इसका रस शरीर की गर्मी को दबा देता है व फुंसियाँ नहीं निकलतीं। शरीर पर यदि कोई घाव है तो वह भी इसका सेवन करने से जल्दी से भर जाता है। खट्टी डकार : बदहजमी होने पर या खट्टी डकारें आने पर सेंधा नमक व कालीमिर्च पावडर डालकर तरबूज खाने से हाजमा ठीक हो जाता है। सादा नमक डालकर खाने से पेट साफ हो जाता है और भूख खुलकर लगती है। उल्टी होने पर : तरबूज के रस में बराबर मात्रा में संतरे का रस मिलाकर रोगी को पिलाने से उल्टी होना बंद हो जाती है। उच्च रक्तचाप : इस फल में कुरकुबोसाइट्रिन तत्व होता है, जो बढ़ते रक्तचाप को निय...

पोदीना के औषधीय उपयोग

पोदीना एक प्रकार की घास है, जिसके पत्ते गोल छोटे और खुशबूदार होते हैं, यह जमीन के ऊपर फैलता है।पोदीना का लेटिन नाम मेन्था स्पाइकेटा है। पुदीना बहुत ही स्वादिष्ट और रिफ्रेशिंग होता है। यह विटामिन ए से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत ही गुणकारी भी है। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। यह पेट के विकारों में काफी फायदेमंद होता है।पोदीना धातु के लिए हानिकारक होता है। पित्तकारक प्रकृति होने के कारण पित्त प्रवृति के लोगों को पोदीने का सेवन कम मात्रा में कभी-कभी ही करना चाहिए।पोदीना भारी, मधुर, रुचिकारी, मलमूत्ररोधक, कफ, खांसी, नशा को दूर करने वाला तथा भूख को बढ़ाने वाला है। पोदीने में कैलोरी ,प्रोटीन, पोटेशियम, थायमिन, कैल्शियम, नियोसीन, रिबोफ्लेविन, आयरन, विटामिन-ए,बी ,सी डी और इ, मेन्थाल, टैनिन आदि रासायनिक घटक पाए जाते हैं।इसे तो देखते ही ठंडक दिल में उतर जाती है.पोदीना है बड़े काम की चीज ,कई सारे रोग आप इससे दूर भी कर सकते हैं. पोदीने के उपयोग: पोदीने का रस कृमि (कीड़े) और वायु विकारों (रोगों) को नष्ट करने वाला होता है। पोदीने के ५ मिलीलीटर रस में नींबू का 5 मिलीलीटर रस और 7-8 ग्र...

मेमोरी को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो अपनाइए इन घरेलू उपायों को

मेमोरी को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो अपनाइए इन घरेलू उपायों को हम हर दिन कई तरह के काम करते हैं जिसमें मेमोरी यानी स्मरण-शक्ति मूल्यवान टूल की तरह हमारी सहायता करती है. लेकिन यह भी पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ मेमोरी भी थोड़ी कमजोर पड़ने लगती है. अगर आप अपनी मेमोरी को दुरुस्त रखना चाहते हैं तो अपनाइए इन घरेलू उपायों को... ये 5 घरेलू चीजें: 1. दालचीनी दालचीनी का तेल भी स्मरण शक्ति बढ़ाने में काफी प्रभावकारी होता है। यह तेल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिसकी वजह से आपका मस्तिष्क तेजी से काम करता है। यह तेल दिमाग को ठंडक पहुंचाता है। तनाव को कम करते हुए दिमाग को तेज-तर्रार बनाता है। 2. अखरोट अखरोट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं और दिन में कम से कम सात अखरोट खाने से बीमारियां हमेशा दूर रहती हैं। साथ ही, कोलेस्ट्रॉल भी नियंत्रित रहता है। अखरोट स्मरण शक्ति बढ़ाने में सहायक है। 20 ग्राम अखरोट और 10 ग्राम किशमिश मिलाकर खाने से याददाश्त बढ़ती है। 3. अलसी का तेल अलसी के तेल में भी ओमेगा 3 फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। अलसी का तेल एकाग्रता बढ़ाता है, स्मरण शक्ति तेज करता है और ...

सर्विसेज एवं क्वालिटी से कभी भी समझोता नही करना चाहये।

अक्सर देखा जाता है की जब भी कम्पनीज में कुछ बदलाव होता है तो ज्यादातर फैसले इस हद पर लिए जाते है कि कैसे मैन्युफैक्चरिंग COST को कम किया जाये। बहुत ही कम लोग ये SUGGEST करेंगे की सेल को बढ़ाया जाये या मार्जिन को ज्यादा किया जाये। COST CUTTING कंपनी के लिए SUICIDAL भी हो सकता है। कुछ दिन पहले cost cutting से सम्बंधित काफी रोचक कहानी व्हाट एप्प के जरिये मुझे मिली सोचा आप सब के साथ share की जाये। हमेशा ही cost cutting  काम नही आती। अपना कुछ स्टैण्डर्ड होना चाहये कि कस्टमर रेट्स की वजह से नही हमारी क्वालिटी एवं सर्विसेज की वजह से आये। इसे ही Brand Value कहते है। एक छोटे से शहर मे एक बहौत ही मश्हूर बनवारी लाल सामोसे बेचने वाला था। वो ठेला लगाकर रोज दिन में 500 समोसे खट्टी मीठी चटनी के साथ बेचता था रोज नया तैल इस्तमाल करता था और कभी अगर समोसे बच जाते तो उनको कुत्तो को खिला देता stale बासी समोसे या चटनी का प्रयोग बिलकुल नहीं करता था , उसकी चटनी भी ग्राहकों को बहोत पसंद थी जिससे समोसों का स्वाद और बढ़ जाता था। कुल मिलाकर उसकी क्वालिटी और सर्विस बहोत ही बढ़िया थी। उसका लड़का अभी अभी शहर...