मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा कम करता है ............कॉफी.....................
मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा कम करता है ............कॉफी.....................
कॉफी का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि यह केंद्रीय स्नायुतंत्र की खतरनाक बीमारी 'मल्टीपल स्क्लेरोसिस' (एमएस) के खतरे को कम करता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
वैसे इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका था कि कॉफी का सेवन पार्किं सन व अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा कम करता है। अमेरिका के बाल्टीमोर में जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में अध्ययन के लेखक एलन मॉरी ने कहा कि हमारे अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कॉफी का सेवन एमएस से भी हमें सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इससे इस विचार को बल मिलता है दवाएं मस्तिष्क को भी प्रभावी ढंग से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं।
अध्ययन में कॉफी नहीं पीने वाले लोगों की तुलना में दिनभर में चार से छह कप कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा एक से आधे प्रतिशत तक कम देखा गया। मॉरी ने कहा कि इस बीमारी के उपचार के लिए कैफीन पर अध्ययन किया जाना चाहिए। अध्ययन का निष्कर्ष वाशिंगटन डीसी में 18-25 अप्रैल को अमेरिकन अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी की 67वीं सालाना बैठक के दौरान साझा किया जाएगा।
कॉफी का सेवन आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि यह केंद्रीय स्नायुतंत्र की खतरनाक बीमारी 'मल्टीपल स्क्लेरोसिस' (एमएस) के खतरे को कम करता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है।
वैसे इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका था कि कॉफी का सेवन पार्किं सन व अल्जाइमर जैसे रोगों का खतरा कम करता है। अमेरिका के बाल्टीमोर में जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में अध्ययन के लेखक एलन मॉरी ने कहा कि हमारे अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कॉफी का सेवन एमएस से भी हमें सुरक्षा प्रदान कर सकता है। इससे इस विचार को बल मिलता है दवाएं मस्तिष्क को भी प्रभावी ढंग से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं।
अध्ययन में कॉफी नहीं पीने वाले लोगों की तुलना में दिनभर में चार से छह कप कॉफी का सेवन करने वाले लोगों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस का खतरा एक से आधे प्रतिशत तक कम देखा गया। मॉरी ने कहा कि इस बीमारी के उपचार के लिए कैफीन पर अध्ययन किया जाना चाहिए। अध्ययन का निष्कर्ष वाशिंगटन डीसी में 18-25 अप्रैल को अमेरिकन अकादमी ऑफ न्यूरोलॉजी की 67वीं सालाना बैठक के दौरान साझा किया जाएगा।
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