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जैविक तरीके से ऐसे उगाएं ठंड में सब्जियां

आज लोगों में पर्यावरण और स्वास्थ को लेकर जागरुकता काफी बढ़ गई है, जिससे जैविक खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है। आज लोग स्वस्थ रहने के लिए ऑर्गेनिक फूड को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। ठंड की सब्जियों को जैविक खेती द्वारा उगाया जा सकता है। यह बहुत आसान होता है और इसे छोटे बड़े दोनों ही स्तर पर किया जा सकता है। आइए हम आपको बताते हैं कि आप जैविक रूप से कैसे ठंड की सब्जियों को उगा सकते हैं- जैविक तरीके से ऐसे उगाएं ठंड में सब्जियां 1. सही फसल का चुनाव करें- विश्व के हर हिस्से में अलग-अलग ठंड पड़ती है। कुछ हिस्सों में जहां कड़ाके की ठंड पड़ती है, वहीं कुछ हिस्सों में बहुत ज्यादा सर्दी नहीं पड़ती है। इसलिए जब भी ठंड की सब्जियों को जैविक रूप से उगाने के बारे में सोचें तो पहले यह पता कर लें कि आपके द्वारा चुनी गई सब्जियां उस हिस्से के तापमान में जीवित रह पाएंगी या नहीं। हर सब्जी अलग-अलग तापमान में जीवित रहती हैं। उदाहरण के लिए प्याज में ठंड सहने की अद्भुत क्षमता होती है। यह -18 डिसे पर भी उग सकती है। 2. रोटेशन पॉलिसी को अपनाएं- जैविक खेती का एक अहम पहलू यह है कि आप फसल को बदल-बदल कर लगाएं। जब एक...

सुबह को खाली पेट चूना खाओ

सुबह को खाली पेट चूना खाओ ■ " चूना अमृत है " ..■ 〰〰〰〰〰〰〰 चूना जो आप पान में खाते है वो सत्तर बीमारी ठीक कर देते है । जैसे किसी को पीलिया हो जाये माने जॉन्डिस उसकी सबसे अच्छी दवा है चूना ; गेहूँ के दाने के बराबर चूना गन्ने के रस में मिलाकर पिलाने से बहुत जल्दी पीलिया ठीक कर देता है । और ये ही चूना नपुंसकता की सबसे अच्छी दवा है - ■ अगर किसी के शुक्राणु नही बनता उसको अगर गन्ने के रस के साथ चूना पिलाया जाये तो साल डेढ़ साल में भरपूर शुक्राणु बनने लगेंगे; और जिन माताओं के शरीर में अन्डे नही बनते उनकी बहुत अच्छी दवा है ये चूना । ■ बिद्यार्थीओ के लिए चूना बहुत अच्छा है जो लम्बाई बढाता है - ■ गेहूँ के दाने के बराबर चूना रोज दही में मिला के खाना चाहिए, दही नही है तो दाल में मिला के खाओ, दाल नही है तो पानी में मिला के पियो - इससे लम्बाई बढने के साथ स्मरण शक्ति भी बहुत अच्छा होता है । ■ जिन बच्चों की बुद्धि कम काम करती है मतिमंद बच्चे उनकी सबसे अच्छी दवा है चूना ■ जो बच्चे बुद्धि से कम है, दिमाग देर में काम करते है, देर में सोचते है हर चीज उनकी स्लो है उन सभी बच्चे क...

आयुर्वेद का मल्टिविटामीन योग

आयुर्वेद का मल्टिविटामीन योग सितोफलादि चूर्ण 100ग्राम आमलकी रसायन 50ग्राम शतावरी चूर्ण 50 ग्राम मूलहठी चूर्ण 50ग्राम इन सबको अच्छे से मिलाकर इसमें 250ग्राम शुद्ध शहद मिलाकर चटनी की जैसा बनाकर सुबह दोपर शाम को एक एक चम्मच चाट कर दूध के साथ ले यह योग कृत्रिम से निर्मित विटामिन्स व खनिजों के कैपसूलो से कई गूना बेहतर परिणाम देता है कम से कम 2माह तक सेवन कराने से कमजोरी में आश्चर्यजनक लाभ होता है

माइग्रेन से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Tips For Migraine Pain)

माइग्रेन से बचने के लिए आयुर्वेदिक उपाय (Ayurvedic Tips For Migraine Pain) 1.संतुलित व पौष्टिक आहार का प्रयोग करें। 2.भोजन का समय तय कर समयनुसार भोजन करें। 3.किसी भी बात का तनाव न ले और सकारात्मक विचार बनाए रखें। 4.अपनी पूरी नींद ले। 5.थकान महसूस होने पर विश्राम करें। 6.हल्के हाथ से सर में मालिश करें। 7.खुद को व्यस्त रखें और ऐसे काम जिससे आपका मन संतुष्ट हो। 8.किसी भी तरह के विवाद और तनाव से बचें। किसी से घमंड न करें। बीमारी होने पर आहार का रखें ध्यान (Diet in Migraine) माइग्रेन की शिकायत होने पर रोगी को अपने खाने पीने का विशेष ख्याल रखना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार माइग्रेन के रोगी को अपने खाने में निम्नलिखित चीजों का प्रयोग करना चाहिए: 1.संतुलित व पौष्टिक आहार ही खाएं। 2.देशी घी (विशेष तौर पर गाय के घी) से बना पदार्थ जैसे मालपुआ, जलेबी, हलुआ आदि का आधिक प्रयोग करें। 3.देशी घी में चीनी मिलाकर खाने से माइग्रेन में आराम मिलता है। 4.#माइग्रेन होने पर ताजे फल व हरी सब्जियों का बहुत ज्यादा प्रयोग करें। 5.पौष्टिक तत्वों के लिए दूध, दलिया व पनीर का बहुत अधिक प्रयोग करें। ...

कील मुँहासों के लिये।

कील मुँहासों के लिये। 🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀🍀 पेट साफ रखें। अगर कबज है तो रात को 2 चमच त्रिफला चूर्ण लेवें। 8—10 गिलास पानी रोजाना पियें। नींबू के रस को चार गुना गिलसरीन में मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से कील मुहासे मिट जाते हैं , चेहरे में प्राकृतिक निखार आ जाता है। एक चम्मच मलाई लेकर उसमें नींबू निचोड़ कर चेहरे पर लेप कर इससे चेहरे के सारे कील मुहासे नष्ट होकर चेहरे का रंग निखर आएगा। तली हुई व बाजारू चीजों का पूरा प्रहेज रखें । आयुर्वेदिक औषधियां रक्तशोधक सीरप, कसोर गुगल, रक्तशोधक बटी, स्वादिष्ट विरेचन चुर्ण आदि ।

खूनी बादी बवासीर और बवासीर के मस्सो का इलाज।

खूनी बादी बवासीर और बवासीर के मस्सो का इलाज। अगर बार बार बवासीर होती हैं और मस्से बाहर आ कर बहुत कष्ट देते हो तो ये घरेलु उपचार और मस्सो पर लगाने के लिए ये तेल घर पर बनाये बहुत ही लाभदायक हैं। तो आइये जाने खूनी बादी बवासीर और बवासीर के मस्सो का इलाज। दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दे। सवेरे के भगोये दो अंजीर शाम चार-पांच बजे खाएं। एक घंटा आगे पीछे कुछ न लें। आठ दस दिन के सेवन से बादी और खुनी हर प्रकार की बवासीर ठीक हो जाती है। बवासीर को जड़ से दूर करने के लिए और पुन: न होने के लिए छाछ सर्वोत्तम है। दोपहर के भोजन के बाद छाछ में डेढ़ ग्राम ( चौथाई चम्मच ) पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम सेंधा नमक मिलाकर पीने से बवासीर में लाभ होता है और नष्ट हुए बवासीर के मस्से पुन: उत्प्न्न नही होते। बवासीर के मस्सो पर लगाने के लिए तेल एरंडी के तेल को थोड़ा गर्म कर आग से नीचे उतार कर उसमे कपूर मिलाकर व घोलकर रख ले। अगर कपूर की मात्रा 10 ग्राम हो तो अरंडी का तेल 80 ग्राम होना चाहिए। मतलब 8 गुना अगर कपूर 5 ग्राम हैं तो तेल 40 ग्राम। पाखाना करने के बाद मस्सो को धोकर और पोछकर इस तेल को दिन में द...

तुरन्त नकसीर बन्द करने के लिए घरेलू उपाय, गर्मी के मौसम में जरा संभल कर घर से चलें

तुरन्त नकसीर बन्द करने के लिए घरेलू उपाय गर्मी के मौसम में जरा संभल कर घर से चलें 1) थोड़ा सा सुहागा पानी में घोलकर नथूनों पर लगाऐं नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी। 2) जिस व्यक्ति को नकसीर चल रही है उसे बिठाकर सिरपर ठण्डे पानी की धार डालते हुए सिर भिगों दें। बाद में थोड़ीपीली मिट्टी को भिगोकर सुंघाने से नकसीर तुरन्त बन्द हो जाएगी। 3)प्याज को काटकर नाक के पास रखें और सूंघें। 4)काली मिट्टी पर पानी छिड़ककर इसकी खुशबू सूंघें। 5) रुई के फाए को सफेद सिरका में भिगोकर उस नथुने में रखें, जिससे खून बह रहा हो। 6) जब नाक से खून बह रहा हो तो कुर्सी पर बिना टेका लिए बैठ जाएं, नाक की बजाय मुंह से सांस लें। 7) किसी भी प्रकार के धूम्रपान (एक्टिव या पैसिव दोनों) से बचें। 8) पित्त शामक ”गुलकंद”का सेवन करे और साफ हरे धनिए की पत्तियों के रस की कुछ बूंदें नाक में डाल लें। 9)शीशम या पीपल के पत्तों को पीसकर या कूटकर, उसका रस नाक में 4-5 बूँद ड़ाल दिया जाए तो एक क्षण में में ही तुरंत आराम आता है . 10) अगर लगातार शीशम के पत्ते पीसकर उनका शर्बत सवेरे शाम पीया जाए तो नकसीर की समस्या पूरी तरह खत्...

आयुर्वेदिक_पाचक_मुखवास

आयुर्वेदिक_पाचक_मुखवास सामग्री - सौंफ-50 ग्राम, अजवायन-50 ग्राम मुलहठीचूर्ण-50 ग्राम धनिया दाल (मींगनी)-50 ग्राम छोटी इलायची-05 ग्राम लौंग-05 ग्राम, जायपत्री-05 ग्राम, एक छोटा जायफल. मिश्री-25 ग्राम सेंधा नमक-05 ग्राम, काला नमक-20 ग्राम पुदीने का सत्व- 02 ग्राम नोट- धनिया के बीजों को हल्का पीसकर छान लें छानने से बचा हुआ जो हिस्सा छन्नी में रह जाता है यही धनिया दाल (मींगनी) है. इसी का प्रयोग करना है. छाने हुए चूर्ण को दुसरे कामों के लिए रख लें. निर्माण_विधि - सबसे पहले सौंफ , धनिया दाल , अजवाइन , लौंग हलका भून लें. अब इसके साथ बाकी बची सब सामग्री मुलहठी,मिश्री , जायफल , पुदीनासत्व, सेंधानमक, कालानमक, छोटी इलायची आदि मिलाकर सिल पर खूब महीन पीस लें और छान लें. सेवन_विधि_लाभ -- भोजन के बाद चौथाई चम्मच से आधा चम्मच की मात्रा में मुह में डालकर चूसें. इसके सेवन से भोजन जल्दी पचता है. गैस नहीं बनती. भूख खुलकर लगती है. वृद्धावस्था में अक्सर मुख सूखता है और कुछ चटपटा मुह में डालने की इच्छा होती है. बुजुर्गों को यह चूर्ण छोटी डिब्बी में भरकर दे दें. एक दो चुटकी चूर्ण थोड़े थोड़े अं...

# स्वादिष्ट रोटियाँ बनाने के 10 शानदार टिप्स

स्वादिष्ट रोटियाँ बनाने के 10 शानदार टिप्स महिलाऔ के लिए स्पेशल टिप्स १.रोटी बनाने के आटे में यदि थोड़ा सा चावल का आटा मिला दिया जाए तो उसकी रोटियाँ हल्की और शीघ्र पचने वाली बनती हें २. चपाती व पूरी दोनो के लिए आटा गूँथते समय नमक पहले ना डाले बल्कि गूँथे हुए आटे पर नमक डाल कर दोबारा आटा ठीक कर ले ३. चपाती फुलाते समय आँच तेज रखें तेज आँच की चपातिया मुलायम बनती हें ४. पूरी बनाते समय घी गरम व आँच मध्यम रखे ५. पूरी का आटा दही या दूध से गूँथे और आटे में थोड़ा सा घी या तेल का मोन डाल दे गरम पूरी खाने में ख़स्ता व रखनेपर मखन सी मुलायम रहेगी कुछ समय तक (१ – २ दिन ) रखने पर खराब नही होगी ६. चपाती बेलते समय पालोटन आटे के बजाए मैदा का लगाए चपाती बेदाग सुन्दर व सफेद बनेगी ७. मकई का आटा गुंथते समय उसमे पानी की जगह चावल का मांड प्रयोग करने से रोटी मीठी और नरम बनेगी ८. बिना पानी के आटा उस निए खूब पके केले अछी तरह से मथकार आटा गूँथ कर रोटी या परांठे बनाइए रोटियाँ और परांठे स्वादिष्ट बनेगे ९. पुरिया कुरकुरी बने इसके लिए आटे में एक दो उबली अरबी पीस कर मिला दें १०. रोटी अधिक मुलायम ...

खून को पतला व् नशो की Blokes खोलने के लिये

खून को पतला व् नशो की Blokes खोलने के लिये 👉अदरक का रस 1 किलो 👉लहसुन का रस 1 किलो 👉नींबू का रस 1 किलो 👉सेव का सिरका 1 किलो सभी औषधि को लेकर हल्की आँच पर लोहे की कढ़ाई में पकाये व् पक कर जब 1 किलो मात्र रह जाये तब ठंड़ा करके 1किलो शहद मिला कर किसी काँच के बर्तन में रख ले सेवन विधि:- 3 चम्मच सुबह 3 चम्मच शाम को खाना खाने से 1 घण्टा पहले सेवन करे खून का गाढ़ा होना नसों की ब्लॉकिज हार्ट अटैक आदि समया खत्म हो जाती है

नारी के स्तनों की सौंदर्यता

सुपारी पाक :- नारी के स्तनों की सौंदर्यता बढ़ती है मुनक्का (द्राक्षा) 50 ग्राम को पीसकर चूर्ण बना लें, फिर तज 3 ग्राम, तेजपात 3 ग्राम, नागरमोथा 3 ग्राम, सूखा पोदीना 3 ग्राम, पीपल 3 ग्राम, खुरासानी अजवायन 3 ग्राम, छोटी इलायची 3 ग्राम, तालीस के पत्ते 5 ग्राम, वंशलोचन 5 ग्राम, जावित्री 5 ग्राम, खेतचन्दन 5 ग्राम, कालीमिर्च 5 ग्राम, जायफल 5 ग्राम, सफेद जीरा 7 ग्राम, बिनौला की गिरी 13 ग्राम, लौंग 13 ग्राम, सूखा धनिया 13 ग्राम, पीपल की जड़ 13 ग्राम, खिरनी के बीज 45 ग्राम, बादाम की गिरी 50 ग्राम, पिस्ता 50 ग्राम, सुपारी एक किलो, शहद और चीनी 1-1 किलो और गाय का देशी घी आधा किलो आदि लें। इसके बाद 50 ग्राम पिसा हुआ मुनक्का और सुपारी चूर्ण को गाय के देशी घी में मिलाकर धीमी आग पर भूने, चीनी और शहद को छोड़कर सभी पदार्थो (द्रव्यों) को डाल दें, उसके बाद चीनी और शहद की चाशनी बनाकर मिला दें, फिर उसके बाद सभी चीजों को अच्छी तरह पकाकरउतारकर ठंडा करके सुबह-शाम पिलाने से नारी के स्तनों की सौंदर्यता बढ़ती है और योनि की बीमारियों का नाश और योनि को टाईट करती है। कमलगट्टे कमलगट्टे की...

सर दर्द ,रुसी और बदहजमी दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय

सर दर्द ,रुसी और बदहजमी दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय  सर दर्द से राहत के लिए  १. तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है. २ .नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा. ३. सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा. ४. सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है. ५. लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है. ६. लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर २ , ३ बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा. ७. चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा. ८. हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा. ९ .सफ़ेद  सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी.  बालों की रूसी दूर करने के लिए १. नारियल के तेल में निम्बू का रस पकाकर रोजाना सर की मालिश करें. २. पानी में भीगी मूंग क...

घरेलू उपाय

घरेलू उपाय ================================== 💢जुकाम से नाक बंद हो जाना : ठंड या बारिश के मौसम में जुकाम के कारण नाक बंद हो जाती है। ऐसे मौसम में यह समस्या एक आम बात है। इससे बचाव के लिए अजवाय को भून कर पीस ले। उसे एक सूती कपड़े में बांधकर इनहेलर बना लें। इसे बच्चों को सुघांते रहे इससे निकलने वाली सुगंध नाक को खोलने में मदद करती है। 💢रात को सोते समय रोज आंवले का चूर्ण शहद या पानी से लेने से पेट साफ रहता है और आंखों से संबंधित रोगों में लाभ मिलता है। सूखे आंवले को शुद्ध घी में तलकर पीस लें, इस चूर्ण का सिर पर लेप करने से नकसीर में लाभ मिलता है। 💢पपीते के छिलकों को सुखाकर और पीसकर चूर्ण बना लीजिए। इस चूर्ण में ग्लिसीरीन मिलाकर दिन में दो बार फटी हुई एड़ियों में लगाने से बहुत जल्दी फायदा होता है। 💢भोजन करने से पहले दो या तीन पके टमाटरों को काटकर उसमें पिसी हुई कालीमिर्च, सेंधा नमक एवं हरा धनिया मिलाकर खाएं। इससे चेहरे पर लाली आती है व पौरूष शक्ति बढ़ती है। 💢पेट में कीड़े होने पर सुबह खाली पेट टमाटर में पिसी हुई कालीमिर्च लगाकर खाने से लाभ होता है।या उसमे हींग का छौंका लगा...

हरा खून ( ग्रीन ब्लड ) गैंहू के ज्वारे 🍀

हरा खून ( ग्रीन ब्लड ) गैंहू के ज्वारे 🍀 🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿 🍀 गेहूँ के बोने पर जो एक ही पत्ता उगकर ऊपर आता है उसे ज्वारा कहा जाता है। नवरात्रि आदि उत्सवों में यह घर-घर में छोटे-छोटे मिट्टी के पात्रों में मिट्टी डालकर बोया जाता है. 🍀 गेहूँ के ज्वारे का रस , प्रकृति के गर्भ में छिपी औषधियों के अक्षय भंडार में से मानव को प्राप्त एक अनुपम भेंट है 🍀 शरीर के आरोग्यार्थ यह रस इतना अधिक उपयोगी सिद्ध हुआ है कि विदेशी जीववैज्ञानिकों ने इसे ' हरा लहू ' ( Green Blood ) कहकर सम्मानित किया है। डॉ. एन. विगमोर नामक एक विदेशी महिला ने गेहूँ के कोमल ज्वारों के रस से अनेक असाध्य रोगों को मिटाने के सफल प्रयोग किये हैं। उपरोक्त ज्वारों के रस द्वारा उपचार से 350 से अधिक रोग मिटाने के आश्चर्यजनक परिणाम देखने में आये हैं 🍀 जीव-वनस्पति शास्त्र में यह प्रयोग बहुत मूल्यवान है। 🍀 गेहूँ के ज्वारों के रस में रोगों के उन्मूलन की एक विचित्र शक्ति विद्यमान है। शरीर के लिए यह एक शक्तिशाली टॉनिक है 🍀 इसमें प्राकृतिक रूप से कार्बोहाईड्रेट आदि सभी विटामिन, क्षार एवं श्रेष्ठ प्रो...