ह्रदय रोग (सी. एच. डी.) क्या है ? आयुर्वेदीय उपचार :

ह्रदय रोग (सी. एच. डी.) क्या है ?
दूषित हुए दोष ह्रदय में जाकर रस धातु को दूषित कर ह्रदयस्थ धमनी रोध उत्पन्न करते है।  कोरोनरी हार्ट डिजीज एक प्रकार का ह्रदय रोग है जो दोषो के प्रकोप के कारण उत्पन्न होता है। इसमें ह्रदय में वेदना का अनुभव होता है।
इसके क्या  कारण है ?
आयुर्वेद विकृत आहार एवं जीवन शैली को ह्रदय रोगो का प्रमुख कारण मानता है।  कुछ अन्य कारण इस प्रकार है :-
  • शारीरिक/ मानसिक तनाव 
  • खाए गए भोजन के पचने से पहले पुन: भोजन करना 
  • अधारणीय वेगो को धारण करना 
इसके लक्षण है ?
ह्रदय रोग (सी. एच. डी. ) निम्नलिखित किसी प्रकार से लक्षित हो सकता है। 
  • श्वास लेने में कष्ट 
  • शरीर का वर्ण विकृत होना 
  • जी मिचलाना 
  • छाती में दर्द का होना 
आयुर्वेदीय उपचार :
आयुर्वेदीय चिकित्सा विकृत हुए दोष पर निर्भर करती है। सामान्यत: निम्न चिकित्साए की जाती है :
  • लंघन (उपवास)
  • पंचकर्म - जैसे वमन विरेचन इत्यादि। 
स्नेहशामक एवं हृच्छूलरोधी औषधियाँ जैसे पुष्करमूल एवं गुग्गुलु द्वार लाक्षणिक चिकित्सा भी लाभदायक है। 
पथ्य (क्या करे )
  • कुछ खाद्य पदार्थ जैसे पुराने चावल , मुंग दाल , कुलत्थ दाल, कद्दू , अदरक, लहसुन, प्याज़, एवं गुड़ आदि। 
  • फल जैसे अनार , अंगूर, नारियल इत्यादि। 
  • ध्यान एवं नियमित योग साधना। 
अपथ्य (क्या न करे )
विरुद्ध आहार जैसे मछली एवं दही , केला एवं दूध इत्यादि से परहेज करे। 
विलासपूर्ण जीवन शैली मत अपनाये। 
क्रोध, चिंता एवं भय मुक्त रहे। 
अधारणीय वेगो को धारण मत करे। 

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