अंकुरित आहार: अमृताहर
अंकुरित आहार जीवन का आधारभूत स्त्रोत है तथा हजारो वर्षो से पोषण का एक बड़ा स्त्रोत माना जाता है। इसे अमृताहार भी कहा जाता है। इसे आश्चर्यजनक गुणों से युक्त, उच्च खाध मानक रखने वाले पोषक तत्वों का एक मुख्य स्त्रोत माना जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा में अमृताहार को जीवन आहार माना जाता है। प्रकति में क्षारीय होने के कारण अमृताहर स्वास्थ्य के सुधार, शरीर के शुद्धिकरण में सहायक और उसे रोग के प्रति प्रतिरोधी बनाता है। यह हमारे दैनिक आहार के पोषण मूल्य को बढ़ाता है। प्राकृतिक चिकित्सा मानती है की स्वास्थ्य संरक्षण के लिए हमारे आहार का 20 % भाग अम्लीय तथा 80 % भाग क्षारीय होना चाहिए जिसमे मुख्य रूप से बड़ी मात्रा में कच्चा आहार और अंकुरित आदि हो। हमारे शरीर पर अमृताहर का प्रभाव इतना विस्तृत होता है कि प्राकृतिक चिकित्सक अमृताहर को औषधि मानकर इसका प्रचार करते है। अमृताहर क्या है ? अमृताहर अनाज या दालों के अंकुरित बीज है जिनमे अंकुरण की प्रक्रिया में जीवन को संरक्षित और उन्नत करने के गुण आ जाते है। इसलिए माना जाता है कि इसमें व्यक्ति को नवजीवन प्रदान करने और उसके स्वास्थ्य को उन्नत करने के गुण...