जुका़म बना रहता है, नाक बहती रहती है तो .....

१ . सितोपलादि चूर्ण २ ग्राम + त्रिभुवन कीर्ति रस एक गोली + लक्ष्मी विलास रस(नारदीय)एक गोली + श्रंग भस्म दो रत्ती(यानि २५० मिग्रा.) + रस सिंदूर एक रत्ती + गोदन्ती भस्म दो रत्ती : इन सभी को मिला कर एक खुराक बना लीजिये व दिन में शहद के साथ मिला कर तीन बार सुबह-दोपहर-शाम चाटिये।
२ . षड्बिन्दु तेल की छह बूंदें नाक के दोनो छेदों में डालिये सुबह - शाम।
३ . हरिद्रा खण्ड आधा चम्मच दिन में दो बार सेवन करें। ऊपर से गुनगुना गर्म जल पी लीजिये।
इस औषध को तीन माह तक लीजिये फिर जीवन भर कभी आपको इस तरह की समस्या न होगी।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भीगे चने खाकर बढाएं अपनी सेक्स पॉवर

लिंग में वृद्धि

नपुंसकता के लिए अक्सीर साबित होगा यह नुस्खा