मूंगफली
मूंगफली में बोरोन नामक एक
माइक्रोएलीमैंट बहुत भरपूर मात्रा में
मौजूद होता है जो दिमाग की इलैक्ट्रिक
गतिविधि पर प्रभाव डालता है।
मूंगफली की साढ़े तीन औंस मात्रा ...तथा 2
सेब प्रतिदिन खाने से खुराक का संतुलन
बहुत बढिय़ा बन जाता है। जो खाद्य
बोरोन से भरपूर होते हैं उनसे ऑर्गेनिकम में
एस्ट्रोजन भरपूर मात्रा में प्राप्त
होता है इसलिए जो महिलाएं
रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था में हैं उन्हें
मूंगफली के सेवन की सलाह दी जाती है।
प्रतिदिन साढ़े तीन औंस मूंगफली तथा 2
सेब खाने से इस हार्मोन का स्तर
ऊंचा किया जा सकता है। मूंगफली शरीर
को ऊर्जा की भरपूर मात्रा उपलब्ध
करवाती है। जो लोग गाय का दूध
नहीं पी सकते वे इसके स्थान पर मूंगफली के
दूध (पीनट मिल्क) का सेवन कर सकते
हैं।
मूंगफली आयरन, विटामिन ई, के और बी6,
नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक
का अच्छा स्रोत है। मूंगफली में विटामिन
ई और एंटीआक्सीडैंट प्रचुर मात्रा में पाए
जाते हैं इसलिए इसके सेवन से स्किन
प्रॉब्लम्स नहीं सतातीं। त्वचा का सूखापन
दूर करती है तथा होंठ भी कोमल और
गुलाबी हो जाते हैं। इसमें कैल्शियम और
विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है
इसीलिए इसे खाने से हड्डियां मजबूत
बनती हैं और हड्डियों से संबंधित
बीमारियां नहीं होती हैं, साथ ही दांत
भी मजबूत होते हैं।
आधी मुठ्ठी मूंगफली के दानों में 426
कैलोरीज, 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 17
ग्राम प्रोटीन और 35 ग्राम
वसा होती है। मूंगफली वनस्पतिक प्रोटीन
का एक सस्ता स्रोत है। 100 ग्राम
कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर
प्रोटीन होता है। इसमें प्रोटीन
की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना,
अंडों से 2.5 गुना एवं फलों से 8
गुना अधिक होती है।
मूंगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर
है और रुचिकर होती है। मूंगफली आमाशय
और फेफड़े को बल देती है। मूंगफली के तेल के
गुण आलिव ऑयल जैसे ही हैं।
मूंगफली गर्भावस्था में शिशु के विकास में
मदद करती है। रोज थोड़ी मात्रा में
मूंगफली खाने से दुबले-पतले लोगों का वजन
बढऩे लगता है। इसे खाने से कोलैस्ट्रॉल
कंट्रोल में रहता है।
माइक्रोएलीमैंट बहुत भरपूर मात्रा में
मौजूद होता है जो दिमाग की इलैक्ट्रिक
गतिविधि पर प्रभाव डालता है।
मूंगफली की साढ़े तीन औंस मात्रा ...तथा 2
सेब प्रतिदिन खाने से खुराक का संतुलन
बहुत बढिय़ा बन जाता है। जो खाद्य
बोरोन से भरपूर होते हैं उनसे ऑर्गेनिकम में
एस्ट्रोजन भरपूर मात्रा में प्राप्त
होता है इसलिए जो महिलाएं
रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था में हैं उन्हें
मूंगफली के सेवन की सलाह दी जाती है।
प्रतिदिन साढ़े तीन औंस मूंगफली तथा 2
सेब खाने से इस हार्मोन का स्तर
ऊंचा किया जा सकता है। मूंगफली शरीर
को ऊर्जा की भरपूर मात्रा उपलब्ध
करवाती है। जो लोग गाय का दूध
नहीं पी सकते वे इसके स्थान पर मूंगफली के
दूध (पीनट मिल्क) का सेवन कर सकते
हैं।
मूंगफली आयरन, विटामिन ई, के और बी6,
नियासिन, फोलेट, कैल्शियम और जिंक
का अच्छा स्रोत है। मूंगफली में विटामिन
ई और एंटीआक्सीडैंट प्रचुर मात्रा में पाए
जाते हैं इसलिए इसके सेवन से स्किन
प्रॉब्लम्स नहीं सतातीं। त्वचा का सूखापन
दूर करती है तथा होंठ भी कोमल और
गुलाबी हो जाते हैं। इसमें कैल्शियम और
विटामिन डी अधिक मात्रा में होता है
इसीलिए इसे खाने से हड्डियां मजबूत
बनती हैं और हड्डियों से संबंधित
बीमारियां नहीं होती हैं, साथ ही दांत
भी मजबूत होते हैं।
आधी मुठ्ठी मूंगफली के दानों में 426
कैलोरीज, 5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 17
ग्राम प्रोटीन और 35 ग्राम
वसा होती है। मूंगफली वनस्पतिक प्रोटीन
का एक सस्ता स्रोत है। 100 ग्राम
कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर
प्रोटीन होता है। इसमें प्रोटीन
की मात्रा मांस की तुलना में 1.3 गुना,
अंडों से 2.5 गुना एवं फलों से 8
गुना अधिक होती है।
मूंगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर
है और रुचिकर होती है। मूंगफली आमाशय
और फेफड़े को बल देती है। मूंगफली के तेल के
गुण आलिव ऑयल जैसे ही हैं।
मूंगफली गर्भावस्था में शिशु के विकास में
मदद करती है। रोज थोड़ी मात्रा में
मूंगफली खाने से दुबले-पतले लोगों का वजन
बढऩे लगता है। इसे खाने से कोलैस्ट्रॉल
कंट्रोल में रहता है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें