यदि गर्भाधान हो गया तो अब क्या करें?
यदि गर्भाधान हो गया तो अब क्या करें? ऐसे मे हमे उत्तम संतान प्राप्त हो इसके लिए क्या करें?
– माता का भोजन अच्छा होते ही जाना चाहिए. दूध, ताक, दही, मक्खन, लोनी, छ्छाच्छ भरपूर खाना है. याद रखिए, देशी गोमता का ही. घबराएँ नही वजन नही बढ़ेगा.
– भरपूर कॅल्षियम आपके शरीर मे रहे, मतलब चूना बराबर खाते रहना, केला, मूँगफली दाना, तिल. इन चीज़ों मे भरपूर कॅल्षियम है.
– समय से भोजन समय से आराम. लंच करिए 10 बजे भरपेट, डिन्नर शाम 5-6 बजे, बीच मे भूख लगे तो जूस, फल, मूँगफली दाना, गुड, तिल पट्टी, दही खाना. सुबह शाम भोजन भरपेट.
– पहले महीने से सातवे महीने तक थोड़ा थोड़ा श्रम करते रहें, जाता चलाना, चटनी बनाना, कपड़े धोना, झाड़ू पोंच्छा, सब हाथ से करें, मशीन से नही.
– पहले दिन से 9 महीने, 9 दिन, 9 घंटे तक गर्भवती माता को कोई मानसिक तनाव नही देना नही तो दुष्परिणाम 10 गुना तक बच्चे को मिलेगा.
– गर्भवती माता को जो जो पसंद नही है वो उतने दीनो तक घर मे नही होना चाहिए.
– यदि इन बातों का ध्यान नही दिया तो बच्चा बाहर आकर जिंदगी भर आपको त्रास देगा.
– माता का भोजन अच्छा होते ही जाना चाहिए. दूध, ताक, दही, मक्खन, लोनी, छ्छाच्छ भरपूर खाना है. याद रखिए, देशी गोमता का ही. घबराएँ नही वजन नही बढ़ेगा.
– भरपूर कॅल्षियम आपके शरीर मे रहे, मतलब चूना बराबर खाते रहना, केला, मूँगफली दाना, तिल. इन चीज़ों मे भरपूर कॅल्षियम है.
– समय से भोजन समय से आराम. लंच करिए 10 बजे भरपेट, डिन्नर शाम 5-6 बजे, बीच मे भूख लगे तो जूस, फल, मूँगफली दाना, गुड, तिल पट्टी, दही खाना. सुबह शाम भोजन भरपेट.
– पहले महीने से सातवे महीने तक थोड़ा थोड़ा श्रम करते रहें, जाता चलाना, चटनी बनाना, कपड़े धोना, झाड़ू पोंच्छा, सब हाथ से करें, मशीन से नही.
– पहले दिन से 9 महीने, 9 दिन, 9 घंटे तक गर्भवती माता को कोई मानसिक तनाव नही देना नही तो दुष्परिणाम 10 गुना तक बच्चे को मिलेगा.
– गर्भवती माता को जो जो पसंद नही है वो उतने दीनो तक घर मे नही होना चाहिए.
– यदि इन बातों का ध्यान नही दिया तो बच्चा बाहर आकर जिंदगी भर आपको त्रास देगा.
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