*पेरासिटामोल लो न लो लेकिन इसे जानिये ज़रूर*


बुखार की आम दवा पैरासिटामोल के बारे में ये बातें जरुर जाननी चाहिए...
यह घर घर में मौजूद एक आम दवा है इसके कई नाम है जैसे क्रोसिन, काल्पोल इत्यादि.!

*पैरासिटामोल के कुछ चौकाने वाले तथ्य* पैरासिटामोल का ओवरडोज (अधिक मात्रा) जहर है और प्राणघातक भी है.! लेकिन यह बात हज़ारो लोगो को पता नहीं है...

*1)* ओवर डोज़ से लीवर फेल होने से मृत्यु का सबसे बड़ा कारण है.!

*2)* ज्यादा दिन लगातार लेने से किडनी फेल हो जाती है.!

*3)* लगातार लेने से लीवर पर बुरा असर पढता है और पीलिया (जौंडिस) हो जाता है.!

ओवरडोज क्यों होता है.?
डाक्टर की लापरवाही से.!
बुखार से पीड़ित डाक्टर के पास आने पर पहले से पैरासिटामोल ले रहा होता है.!
डाक्टर अपनी चतुराई दिखा कर उसे 'एसिटामिनोफिन' लेने को कहते है जो की पैरासिटामोल का दूसरा नाम है। मरीज़ इन दोनों को अलग दवा समझ कर दोनों लेता है और नतीजा ओवरडोज.!

आयुर्वेद में पेरासिटामोल का बाप है ये फार्मूला. तो इसको अपनाये.

*तुलसी के पत्ते और गिलोय की डण्डी का काढा बुखार उतारने में लाभदायक है.!*
अनेक स्थानों पर लोग साधारण बुखार को सूर्य की धूप में कम्बल ओढकर एक घंटे पसीना लाकर ही ठीक कर लेते हैं. इसके इलावा डेंगू मलेरिया हो या टाईफाईड बुखार, ज्वरनाशक कवा्थ जो आपको किसी आयुर्वेदिक चिकित्सालय या दुकान से 15 रूपए का पैकेट मिल जाएगा उसका काढा बना कर पी सकते है, इसकी तीन खुराक ही आम तौर पर बुखार ठीक कर देती हैं अर्थात पन्द्रह रुपए की ये दवा कम से कम पांच लोगों का बिना किसी नुकसान के सुरक्षित और असरदार ढंग से बुखार ठीक करती है।

तो अब पैरासीटामोल जैसी घातक दवा क्यों लें, आखिर स्वास्थ्य के भविष्य का प्रश्न है बाकी मर्जी आपकी.!

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