बहरेपन का घरेलू इलाज़
बहरेपन का घरेलू इलाज़
मालूम हो कि कान शरीर का बेहद संवेदनशील अंग है। इसलिए इसके साथ छेड़छाड़ व्यक्ति के लिए और गंभीर परेशानियां खड़ी कर देती हैं। कान का परदा बहुत नाजुक होता है, और इसके साथ ज्यादा लापरवाही बहरेपन का कारण बन सकती है। इसलिए इस ठंड में जररूरत है आपको कान के प्रति ज्यादा सजग रहने की। कुछ साधारण बातों को ध्यान में रखकर आप सही वक्त पर सही इलाज करवा सकते हैं।
अगर कान के परदे का छिद्र बड़ा हो, कभी-कभी कान से खून बहता होकान में खुजली होती हो, दर्द होता हो कान की समस्या के चलते चक्कर आते हों, या कान में कुछ आवाजें आती हों, तो
तुरंत चिकित्सक के पास जाएं और चिकित्सक द्वारा बताई गई उपचार पद्धति अपनाएं। खून और मूत्र की जांच समेत कान का ऑडियोग्राम कराना चाहिए। ऑडियोग्राम कान की सुनने की शक्ति की पहचान करनेवाली एक वैज्ञानिक पद्धति है। इससे कान की स्थिति की समस्त जानकारी हो जाती है।
बहरे हो जाएंगे और पता भी नहीं चलेगा
यूं तो कान से जुड़ी बीमारी का उम्र से कोई विशेष संबंध नहीं है, क्योंकि यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। फिर भी 50 वर्ष की उम्र से अधिक व्यक्तियों में कान से जुड़ी समस्याएं बड़े पैमाने पर देखने को मिलती हैं। इसलिए ठंड में बुजुर्गों को कान के प्रति ज्यादा सजग रहना चाहिए।
सावधानियां
माचिस की तीली, पिन या अन्य कोई वस्तु कान में न डालें।कान में पानी या धूल-मिट्टी के कण न जाएं, इसका पूरा ध्यान रखें।ठंड में बाहर निकलते समय कान ढक कर निकलें।
कान से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा करने पर कान में दर्द, बहरापन और कान बहने जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
घरेलू उपाय
प्याज का गुनगुना रस कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।अदरक के रस में नमक एवं शहद मिलाकर, गुनगुना कर, कानों में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।मूली का रस, शहद, सरसों का तेल, बराबर मात्रा में मिलाकर, दो-तीन बूंद कान में सुबह-शाम डालने से बहरेपन में राहत मिलती है।कान को साफ कर दो-दो बूंद स्पिरिट तीन-चार दिन कान में डालने से कान का बहना ठीक होता है।तुलसी के पत्तों का रस गुनगुना कर दो-दो बूंद प्रात: और सायं डालने से कान के दर्द में राहत मिलती है और बहरापन भी ठीक होता है।अगर इससे भी समस्या का समाधान न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज कराएं।
मालूम हो कि कान शरीर का बेहद संवेदनशील अंग है। इसलिए इसके साथ छेड़छाड़ व्यक्ति के लिए और गंभीर परेशानियां खड़ी कर देती हैं। कान का परदा बहुत नाजुक होता है, और इसके साथ ज्यादा लापरवाही बहरेपन का कारण बन सकती है। इसलिए इस ठंड में जररूरत है आपको कान के प्रति ज्यादा सजग रहने की। कुछ साधारण बातों को ध्यान में रखकर आप सही वक्त पर सही इलाज करवा सकते हैं।
अगर कान के परदे का छिद्र बड़ा हो, कभी-कभी कान से खून बहता होकान में खुजली होती हो, दर्द होता हो कान की समस्या के चलते चक्कर आते हों, या कान में कुछ आवाजें आती हों, तो
तुरंत चिकित्सक के पास जाएं और चिकित्सक द्वारा बताई गई उपचार पद्धति अपनाएं। खून और मूत्र की जांच समेत कान का ऑडियोग्राम कराना चाहिए। ऑडियोग्राम कान की सुनने की शक्ति की पहचान करनेवाली एक वैज्ञानिक पद्धति है। इससे कान की स्थिति की समस्त जानकारी हो जाती है।
बहरे हो जाएंगे और पता भी नहीं चलेगा
यूं तो कान से जुड़ी बीमारी का उम्र से कोई विशेष संबंध नहीं है, क्योंकि यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। फिर भी 50 वर्ष की उम्र से अधिक व्यक्तियों में कान से जुड़ी समस्याएं बड़े पैमाने पर देखने को मिलती हैं। इसलिए ठंड में बुजुर्गों को कान के प्रति ज्यादा सजग रहना चाहिए।
सावधानियां
माचिस की तीली, पिन या अन्य कोई वस्तु कान में न डालें।कान में पानी या धूल-मिट्टी के कण न जाएं, इसका पूरा ध्यान रखें।ठंड में बाहर निकलते समय कान ढक कर निकलें।
कान से जुड़ी समस्याओं को अनदेखा करने पर कान में दर्द, बहरापन और कान बहने जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
घरेलू उपाय
प्याज का गुनगुना रस कान में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।अदरक के रस में नमक एवं शहद मिलाकर, गुनगुना कर, कानों में डालने से कान के दर्द में आराम मिलता है।मूली का रस, शहद, सरसों का तेल, बराबर मात्रा में मिलाकर, दो-तीन बूंद कान में सुबह-शाम डालने से बहरेपन में राहत मिलती है।कान को साफ कर दो-दो बूंद स्पिरिट तीन-चार दिन कान में डालने से कान का बहना ठीक होता है।तुलसी के पत्तों का रस गुनगुना कर दो-दो बूंद प्रात: और सायं डालने से कान के दर्द में राहत मिलती है और बहरापन भी ठीक होता है।अगर इससे भी समस्या का समाधान न हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज कराएं।
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