जुकाम से बचाव के घरेलू इलाज़
जुकाम से बचाव के घरेलू इलाज़
जुकाम नाम सिर्फ तीन अक्षरों का है पर इसकी व्याधि बहुत खतरनाक होती है। दूषित और धूल भरे वातावरण, विषाक्त धुआं, मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन, किसी प्रकार से संक्रमण, अतिशीत का प्रभाव, तेज ठंडी हवा, अति शीतल वातावरण, शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति में कमी होना, शरीर के रक्त में कफ अथवा अम्लीय खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ जाना आदि कारणों से सर्दी-जुकाम नामक व्याधि उत्पन्न होती है। यह व्याधि वैसे किसी भी मौसम में हो सकती है पर शीतलकाल में विशेष रूप से होती है। कारण कोई भी हो पर जुकाम तो जुकाम ही है।
लक्षण :
सर्दी-जुकाम होते ही बड़ी आंत में कब्ज रहने लगता है, जिससे भूख कम हो जाती है, जुकाम के ही कारण सिरदर्द, कमर दर्द, मुंह का स्वाद खराब होना, नाक में जलन होना, नाक भरी रहना या नाक से पानी टपकना, मुंह का स्वाद खराब होना, बेचैनी, कमजोरी होना, तेज छींक आना, गले में खराश और दर्द होना, पहले हरारत होना व फिर हल्का बुखार होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
उपाय : रोग के लक्षण प्रकट होते ही आप निम्न घरेलू उपाय अपना सकते हैं :-
शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पियें।नागरबेल (पान) के दो-चार पत्ते चबा लेने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलेगा।गर्भ दूध में हल्दी का सेवन करने से भी कफ व जुकाम से राहत मिलती है।तवे पर थोड़ा सा अजवाइन गर्म करें (तेज गर्म करें) एक पतले काफ कपड़े में रखकर गोल पोटली बांध लें। इस पोटली से कुछ दूर से खींचते हुए सांस लें व सूंघें सरदर्द व जुकाम का बहुत ही अच्छा इलाज है। इससे बंद नाक भी खुल जाती है, सुबह-शाम अजवाइन की फांकी लेने से भी फायदा होता है।रुमाल पर नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदे डालकर भी सूंघ सकते हैं।1 कप पानी में 5 काली मिर्च का पाउडर व थोड़ा-सा काला नमक डालकर उबालें व इसे कुनकुना पी लें तो भी कफ में फर्क पड़ता है।11 पत्ते तुलसी के, 7 काली मिर्च का पाउडर, कुटी हुई छोटी अदरक की गांठ और थोड़ी सी कुटी मुलैठी इन सभी को 2 कप पानी में उबालें। 1 कप पानी रहने पर थोड़ा गुड़ डालें व पिघलने पर गैस बंद कर दें। इसे कुनकुना गरम पी लें। बाद में ठंडा पानी न पीएं। यह नुस्खा सोते वक्त करने से अत्यन्त लाभ होगा।घी, गूगल तथा मोम को एक साथ मिलाकर आग में डालें व उसका धुआं निकलने पर धुंआ नाक से खींचे (धूनी लें) तो बार-बार छींक आना शांत हो जाता है।भाड़ में सिके चने व गुड़ खाने से भी लाभ होता है।मुंह ढंककर विक्स की भांप लेने से भी जुकाम में फर्क पड़ता है।अगर बहुत छोटे बच्चों को जुकाम हो जाए तो सरसों के तेल में पिसा हुआ जायफल मिलाकर पैर के तलवों पर मालिश करने से भी जुकाम में फायदा होता है।जुकाम से बचने के घरेलू उपाय तो कई हैं पर किसी भी उपाय को अपनाने के पहले अपने वैद्य या चिकित्सक से परार्श अवश्य कर लेना चाहिये तथा इन उपायों का प्रयोग करते वक्त अगर कोई एलर्जी हो तो उसका ध्यान रखते हुए ही उपाय करना चाहिये।जुकाम होने पर शीतल, खट्टे, बासी और भारी पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिये। तले हुए पदार्थों का सेवन भी कम करना चाहिये और उबालकर ठंडे किये हुए पानी का सेवन करना चाहिये।
जुकाम नाम सिर्फ तीन अक्षरों का है पर इसकी व्याधि बहुत खतरनाक होती है। दूषित और धूल भरे वातावरण, विषाक्त धुआं, मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन, किसी प्रकार से संक्रमण, अतिशीत का प्रभाव, तेज ठंडी हवा, अति शीतल वातावरण, शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति में कमी होना, शरीर के रक्त में कफ अथवा अम्लीय खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ जाना आदि कारणों से सर्दी-जुकाम नामक व्याधि उत्पन्न होती है। यह व्याधि वैसे किसी भी मौसम में हो सकती है पर शीतलकाल में विशेष रूप से होती है। कारण कोई भी हो पर जुकाम तो जुकाम ही है।
लक्षण :
सर्दी-जुकाम होते ही बड़ी आंत में कब्ज रहने लगता है, जिससे भूख कम हो जाती है, जुकाम के ही कारण सिरदर्द, कमर दर्द, मुंह का स्वाद खराब होना, नाक में जलन होना, नाक भरी रहना या नाक से पानी टपकना, मुंह का स्वाद खराब होना, बेचैनी, कमजोरी होना, तेज छींक आना, गले में खराश और दर्द होना, पहले हरारत होना व फिर हल्का बुखार होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।
उपाय : रोग के लक्षण प्रकट होते ही आप निम्न घरेलू उपाय अपना सकते हैं :-
शहद और अदरक का रस एक-एक चम्मच मिलाकर सुबह-शाम पियें।नागरबेल (पान) के दो-चार पत्ते चबा लेने से सर्दी-जुकाम में आराम मिलेगा।गर्भ दूध में हल्दी का सेवन करने से भी कफ व जुकाम से राहत मिलती है।तवे पर थोड़ा सा अजवाइन गर्म करें (तेज गर्म करें) एक पतले काफ कपड़े में रखकर गोल पोटली बांध लें। इस पोटली से कुछ दूर से खींचते हुए सांस लें व सूंघें सरदर्द व जुकाम का बहुत ही अच्छा इलाज है। इससे बंद नाक भी खुल जाती है, सुबह-शाम अजवाइन की फांकी लेने से भी फायदा होता है।रुमाल पर नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदे डालकर भी सूंघ सकते हैं।1 कप पानी में 5 काली मिर्च का पाउडर व थोड़ा-सा काला नमक डालकर उबालें व इसे कुनकुना पी लें तो भी कफ में फर्क पड़ता है।11 पत्ते तुलसी के, 7 काली मिर्च का पाउडर, कुटी हुई छोटी अदरक की गांठ और थोड़ी सी कुटी मुलैठी इन सभी को 2 कप पानी में उबालें। 1 कप पानी रहने पर थोड़ा गुड़ डालें व पिघलने पर गैस बंद कर दें। इसे कुनकुना गरम पी लें। बाद में ठंडा पानी न पीएं। यह नुस्खा सोते वक्त करने से अत्यन्त लाभ होगा।घी, गूगल तथा मोम को एक साथ मिलाकर आग में डालें व उसका धुआं निकलने पर धुंआ नाक से खींचे (धूनी लें) तो बार-बार छींक आना शांत हो जाता है।भाड़ में सिके चने व गुड़ खाने से भी लाभ होता है।मुंह ढंककर विक्स की भांप लेने से भी जुकाम में फर्क पड़ता है।अगर बहुत छोटे बच्चों को जुकाम हो जाए तो सरसों के तेल में पिसा हुआ जायफल मिलाकर पैर के तलवों पर मालिश करने से भी जुकाम में फायदा होता है।जुकाम से बचने के घरेलू उपाय तो कई हैं पर किसी भी उपाय को अपनाने के पहले अपने वैद्य या चिकित्सक से परार्श अवश्य कर लेना चाहिये तथा इन उपायों का प्रयोग करते वक्त अगर कोई एलर्जी हो तो उसका ध्यान रखते हुए ही उपाय करना चाहिये।जुकाम होने पर शीतल, खट्टे, बासी और भारी पदार्थों का सेवन भी नहीं करना चाहिये। तले हुए पदार्थों का सेवन भी कम करना चाहिये और उबालकर ठंडे किये हुए पानी का सेवन करना चाहिये।
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