*कुत्‍ता काटने पर-* *ततैया काटने पर-*

*कुत्‍ता काटने पर-*
१) जंगली चौलाई की जड़ १२५ ग्राम लेकर पीस लें और पानी के साथ बार बार रोगी को पिलाएं। इससे कुत्‍ते के काटने से पागल हुए रोगी को बचाया जा सकता है।
२) प्‍याज का रस और शहद मिलाकर पागल कुत्‍ते के काटने से हुए घाव पर लगाने से जहर उतरता है।
३) लाल मिर्च पीसकर तुरंत घाव में भर दें। इससे कुत्‍ते का जहर जल जाता है और घाव भी जल्‍दी ठीक हो जाता है।
४) हींग को पानी में पीस कर लगाने से पागल कुत्‍ते के काटने से हुए घाव का जहर उतर जाता है।

*ततैया काटने पर-*

* ततैया या बर्रे ने काटा हो तो उस स्‍थान पर खटटा अचार या खटाई मल दें। जलन खत्‍म हो जाएगी।

* काटे हुए स्‍थान पर फौरन मिटटी का तेल लगाएं। जलन शांत हो जाएगी।

 * ततैया के काटने पर उस स्‍थान पर नींबू का रस लगाएं। सूजन और दर्द चला जाएगा।

 * *मधुमक्‍खी के डंक* पर सोआ और सेंधा नमक को चटनी बनाकर लेप करने से दर्द दूर हो जाता है।

* *मकड़ी के काटने* पर अमचुर को पानी में मिलाकर घाव पर लगाएं। आराम मिलेगा।

* *कनखजूरे के काटने* पर प्‍याज और लहसुन पीसकर लगाने से उसका जहर उतर जाता है।

 * *छिपकली के काटने* पर सरसों का तेल राख के साथ मिलाकर घाव पर लगाने से जहर दूर होता है।

नोट- उम्दा इलाज आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति में ही है। इसलिए जैसे ही संभव हो मरीज को तुरंत अस्‍पताल में भर्ती कराएं।

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