पत्तागोभी के औषधीय उपयोग :
पत्तागोभी के औषधीय उपयोग :
पायरिया (दांतों के मसूढों से पीव का आना) :
पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम रोजाना खाने से पायरिया व दांतों के अन्य रोगों में लाभ होता है।
बंदगोभी का रस निकालकर पीयें तथा इसके मध्य भाग को सलाद बनाकर खाने से पायरिया तथा दांतों के अन्य रोग ठीक होते हैं।
घाव (चोट) : पत्तागोभी के रस का सेवन करने से घाव ठीक होते हैं। पत्तागोभी के आधे गिलास रस में 5 बार पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर पत्तागोभी के रस की ही पट्टी बांधने से आराम मिलता है।
कैंसर : सुबह खाली पेट पत्तागोभी का कम से कम आधा कप रस रोजाना पीने से आरम्भिक अवस्था में कैंसर, बड़ी आंत का प्रवाह (बहना) ठीक हो जाता है।
कोलाइटिस (वृहद आंत्रिक प्रदाह) : 1 गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, 1 कप पत्तागोभी का रस मिलाकर रोजाना दिन में 2 बार पिलाने से कोलाइटिस ठीक हो जाती है।
बालों का गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते को रोजाना 1 महीने तक खाने से झड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं।
गैस्ट्रिक अल्सर : पत्तागोभी के रस को पीने और गोभी के मध्य भाग को कच्चा सलाद के रूप में खाने से गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर में लाभ होता है।
आमाशय का जख्म : पत्तागोभी (करमकल्ला) का रस 1-1 कप दिन में 3 बार लगातार 14 दिनों तक पीने से आमाशय में लाभ होता है। पत्तागोभी को कच्चा खाने से भी आराम मिलता है।
बालों का गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं और बालों का गिरना कम हो जाता है।
परिणाम शूल (पेप्टिक अल्सर) : 1-1 कप पत्तागोभी का रस 3 बार रोजाना पीने से अल्सर का रोग ठीक हो जाता है। पत्तागोभी का ताजा रस कम से कम 2 सप्ताह तक पीने से बहुत लाभ होता है।
नींद की कमी, पथरी और मूत्र की रुकावट : पत्तागोभी की सब्जी को घी से छोंककर बनाकर खाने से नींद आती है, पथरी और पेशाब की रुकावट में लाभ मिलता है।
जोड़ों के दर्द : पत्तागोभी के रस का सेवन करने से पेट के घावों के अलावा जोड़ों के दर्द, दांतों के रोग, रक्तविकार (खून की खराबी), अजीर्ण, पीलिया, मस्तिश्क की कमजोरी और शरीर का मोटापा आदि रोगों में लाभ मिलता है।
बालों का झड़ना (गंजेपन का रोग) : पत्तागोभी के रस को 1 महीने सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
कब्ज़ :
पत्तागोभी (करमकल्ले) के कच्चे पत्ते रोजाना खाने से पुराना कब्ज दूर हो जाता है। शरीर में मौजूद विजातीय पदार्थ और दोष-पूर्ण पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
पत्ता गोभी के रस रोजाना पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है। यह शरीर में मौजूद दोषों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है।
पत्ता गोभी को कच्चा खाने से आंतों की कमजोरी के साथ गैस की शिकायत भी दूर होती है।
पत्तागोभी खाएं स्लिम हो जाएं
पत्तागोभी के हरे पत्ते में बेशुमार गुण भरे होते है। सामान्य समझी जाने वाली इस सब्जी में अनेक औषधीय गुण है। पत्तागोभी के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। हाल ही में हुए अध्ययनों से पता चला है कि पत्तागोभी वजन घटाने में काफी लाभदायक साबित हुई है।
स्वाद में मधुर, शीतल, हल्की व हृदय को ताकत प्रदान करने वाली पत्तागोभी में कैंसर को रोकने की अपार क्षमता है। यदि कैंसर के रोगी पत्तागोभी के ताजे पत्तों का सेवन प्रतिदिन सुबह खाली पेट करे, तो काफी फायदा होता है। चिकित्सकों का कहना है कि पत्तागोभी में एक ऐसा रसायन विद्यमान रहता है, जिसमें स्तन कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की मात्रा घटाने की क्षमता होती है।
इसके अलावा इसमें विटामिन बी-1, बी-2, बी-3, बी-6 और बी-9 पाया जाता है। इसमें आयरन और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में रहता है। साथ ही यह पोटेशियम, जिंक, ग्लूटामाइन और मैग्नीशियम का भी बेहतर स्त्रोत है।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार पत्तागोभी में काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। यह रेशेदार तत्वों से भरपूर है। यही नहीं इसमें कुछ ऐसे तत्व मौजूद रहते है, जो मनुष्य के शारीरिक विकास व बुद्धि को तीव्र करने में सहायक होते है।
पत्तागोभी में सेल्युलोस नामक तत्व मौजूद होता है, जो हमें स्वस्थ रखने में सहायक है। यह तत्व शरीर से कोलेस्ट्रोल की मात्रा को दूर करता है। इसे मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। यह खांसी, पित्त व रक्त विकार में भी लाभकारी है।
जर्मन पद्धति के अनुसार पत्तागोभी को काटकर उसमें नमक लगाकर उसे खट्टा होने के लिए रख दिया जाता है। इस विधि से तैयार पत्तागोभी को 'सोर क्राउट' के नाम से जाना जाता है। 'सोर क्राउट' में प्रचुर मात्रा में विटामिन पाए जाते है। हृदय रोगों को दूर करने के लिए सोर क्राउट का प्रयोग काफी लाभदायक है।
पेट व आंखों के अल्सर, उदर वायु, आमाशय या लिवर के रोगियों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। भूख बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किसी टॉनिक से कम नहीं है। कारण, यह पाचन क्रिया को
पायरिया (दांतों के मसूढों से पीव का आना) :
पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50 ग्राम रोजाना खाने से पायरिया व दांतों के अन्य रोगों में लाभ होता है।
बंदगोभी का रस निकालकर पीयें तथा इसके मध्य भाग को सलाद बनाकर खाने से पायरिया तथा दांतों के अन्य रोग ठीक होते हैं।
घाव (चोट) : पत्तागोभी के रस का सेवन करने से घाव ठीक होते हैं। पत्तागोभी के आधे गिलास रस में 5 बार पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर पत्तागोभी के रस की ही पट्टी बांधने से आराम मिलता है।
कैंसर : सुबह खाली पेट पत्तागोभी का कम से कम आधा कप रस रोजाना पीने से आरम्भिक अवस्था में कैंसर, बड़ी आंत का प्रवाह (बहना) ठीक हो जाता है।
कोलाइटिस (वृहद आंत्रिक प्रदाह) : 1 गिलास छाछ में चौथाई कप पालक का रस, 1 कप पत्तागोभी का रस मिलाकर रोजाना दिन में 2 बार पिलाने से कोलाइटिस ठीक हो जाती है।
बालों का गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते को रोजाना 1 महीने तक खाने से झड़े हुए बाल फिर से उग आते हैं।
गैस्ट्रिक अल्सर : पत्तागोभी के रस को पीने और गोभी के मध्य भाग को कच्चा सलाद के रूप में खाने से गैस्ट्रिक अल्सर और पेप्टिक अल्सर में लाभ होता है।
आमाशय का जख्म : पत्तागोभी (करमकल्ला) का रस 1-1 कप दिन में 3 बार लगातार 14 दिनों तक पीने से आमाशय में लाभ होता है। पत्तागोभी को कच्चा खाने से भी आराम मिलता है।
बालों का गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम पत्ते खाने से गिरे हुए बाल उग आते हैं और बालों का गिरना कम हो जाता है।
परिणाम शूल (पेप्टिक अल्सर) : 1-1 कप पत्तागोभी का रस 3 बार रोजाना पीने से अल्सर का रोग ठीक हो जाता है। पत्तागोभी का ताजा रस कम से कम 2 सप्ताह तक पीने से बहुत लाभ होता है।
नींद की कमी, पथरी और मूत्र की रुकावट : पत्तागोभी की सब्जी को घी से छोंककर बनाकर खाने से नींद आती है, पथरी और पेशाब की रुकावट में लाभ मिलता है।
जोड़ों के दर्द : पत्तागोभी के रस का सेवन करने से पेट के घावों के अलावा जोड़ों के दर्द, दांतों के रोग, रक्तविकार (खून की खराबी), अजीर्ण, पीलिया, मस्तिश्क की कमजोरी और शरीर का मोटापा आदि रोगों में लाभ मिलता है।
बालों का झड़ना (गंजेपन का रोग) : पत्तागोभी के रस को 1 महीने सिर पर मालिश करने से गंजेपन का रोग सही हो जाता है।
कब्ज़ :
पत्तागोभी (करमकल्ले) के कच्चे पत्ते रोजाना खाने से पुराना कब्ज दूर हो जाता है। शरीर में मौजूद विजातीय पदार्थ और दोष-पूर्ण पदार्थ बाहर निकल जाते हैं।
पत्ता गोभी के रस रोजाना पीने से पुरानी कब्ज दूर हो जाती है। यह शरीर में मौजूद दोषों को मल के द्वारा बाहर निकाल देता है।
पत्ता गोभी को कच्चा खाने से आंतों की कमजोरी के साथ गैस की शिकायत भी दूर होती है।
पत्तागोभी खाएं स्लिम हो जाएं
पत्तागोभी के हरे पत्ते में बेशुमार गुण भरे होते है। सामान्य समझी जाने वाली इस सब्जी में अनेक औषधीय गुण है। पत्तागोभी के नियमित सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। हाल ही में हुए अध्ययनों से पता चला है कि पत्तागोभी वजन घटाने में काफी लाभदायक साबित हुई है।
स्वाद में मधुर, शीतल, हल्की व हृदय को ताकत प्रदान करने वाली पत्तागोभी में कैंसर को रोकने की अपार क्षमता है। यदि कैंसर के रोगी पत्तागोभी के ताजे पत्तों का सेवन प्रतिदिन सुबह खाली पेट करे, तो काफी फायदा होता है। चिकित्सकों का कहना है कि पत्तागोभी में एक ऐसा रसायन विद्यमान रहता है, जिसमें स्तन कैंसर पैदा करने वाले तत्वों की मात्रा घटाने की क्षमता होती है।
इसके अलावा इसमें विटामिन बी-1, बी-2, बी-3, बी-6 और बी-9 पाया जाता है। इसमें आयरन और कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में रहता है। साथ ही यह पोटेशियम, जिंक, ग्लूटामाइन और मैग्नीशियम का भी बेहतर स्त्रोत है।
आहार विशेषज्ञों के अनुसार पत्तागोभी में काफी मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है। यह रेशेदार तत्वों से भरपूर है। यही नहीं इसमें कुछ ऐसे तत्व मौजूद रहते है, जो मनुष्य के शारीरिक विकास व बुद्धि को तीव्र करने में सहायक होते है।
पत्तागोभी में सेल्युलोस नामक तत्व मौजूद होता है, जो हमें स्वस्थ रखने में सहायक है। यह तत्व शरीर से कोलेस्ट्रोल की मात्रा को दूर करता है। इसे मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता है। यह खांसी, पित्त व रक्त विकार में भी लाभकारी है।
जर्मन पद्धति के अनुसार पत्तागोभी को काटकर उसमें नमक लगाकर उसे खट्टा होने के लिए रख दिया जाता है। इस विधि से तैयार पत्तागोभी को 'सोर क्राउट' के नाम से जाना जाता है। 'सोर क्राउट' में प्रचुर मात्रा में विटामिन पाए जाते है। हृदय रोगों को दूर करने के लिए सोर क्राउट का प्रयोग काफी लाभदायक है।
पेट व आंखों के अल्सर, उदर वायु, आमाशय या लिवर के रोगियों के लिए यह वरदान साबित हो सकता है। भूख बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किसी टॉनिक से कम नहीं है। कारण, यह पाचन क्रिया को
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