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बालो को लम्बा करने का तेल बनाये घर पर ::

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ सामग्री :- 1. अरंडी का तेल 250 ग्राम 2. जैतून का तेल 50 ग्राम, 3. चन्दन कि लकड़ी का बारीक बुरादा 50 ग्राम 4. काँफी पाउडर 50 ग्राम। 5. बरगद के पेड़ कि एकदम ताजा पत्ती (बन्द वाली कोपल) 300 ग्राम 6. अम्बर बेल 300 ग्राम (जो हरे रंग के धागे कि तरह पेड़ के ऊपर मिलती है।) क्र. 1 से 4 की चीजेँ पंसारी एवँ 5,6 को गाँव देहात से ढूँढ कर लाना होगा। बनाने की विधि -- दोनोँ तेलोँ को मिला कर हल्की आँच पर गर्म करेँ। फिर इस तेल मे सभी चीजेँ डाल लेवेँ और तब तक हिलाते रहेँ जब तक पूरी सामग्री काली होकर जल ना जायेँ। सावधानी रखना तेल तड़तड़ाता बहुत है। सभी चीजेँ जल जाने पर ठंडा करके तेल को बोतल मे भरकर रख लेवेँ। प्रयोग की विधि -- रोजाना 20 मिनिट तक उँगलियोँ के पोरौँ से इस तेल की मालिश सिर मे करेँ। तेल के नियमित प्रयोग से जो बाल सफेद हो गये है वो भी वापस जड़ से काले उगने लगेँगे। इसके साथ में एक एक चम्मच सुबह शाम त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ ज़रूर ले। 6 महीने में रिजल्ट मिल जायेगा। बाज़ार में बना हुआ नहीं मिलता है | हम बना कर नहीं देते है |

ल्यूकोरिया या सफ़ेद पानी का उपचार :: ````````````````````````````````````````

झरबेरी के बेर सुखा कर पीस कर उस चूर्ण को ३ या ४ ग्राम शहद मिलाकर हर रोज़ सवेरे और साँझ खाने से ल्यूकोरिया में राहत मिलती है नागकेशर थोड़ी मात्रा लगभग ३ ग्राम को लस्सी के साथ पीने से सफ़ेद पानी आना बंद हो जाता है । चीनी / शहद के साथ दो अच्छे पके हुए केले रोज़ खाने से श्वेत प्रदर में आराम मिलता है । मुलहटी को पीस कर चूर्ण बनाकर हर रोज़ दोनों समय पानी के साथ लेने से ल्यूकोरिया की बीमारी ठीक हो जाती है । गुलाब के फूल की पंखुड़ियों को सुखाकर पीस कर चूर्ण बना ले और इसे दोनों समय दूध के साथ ले तो ल्यूकोरिया में आराम मिलता है । शिरीष की छाल का चूर्ण हर रोज़ घी के साथ पीने से ल्यूकोरिया में आराम मिलता है । जामुन की छाल का चूर्ण तीनो समय एक चम्मच पानी के साथ थोड़े दिन लेने से ल्यूकोरिया में लाभ मिलता है । बड़ी इलायची का चूर्ण और माजूफल का चूर्ण बराबर मात्रा में मिश्री के चूर्ण के साथ मिलाकर २ ग्राम हर रोज़ दोनों समय पानी के साथ लेने से श्वेत प्रदर में लाभ मिलता है । भुने चने पीस कर उन्हें देसी घी में अच्छी तरह भून ले और खंड मिलाकर खाज्जा तैयार कर ले और हर रोज़ गरम दूध के साथ खाने से ल्यूकोरिया और सफ़ेद पान...

गर्भधारण करने के आसान तरीके - ---------------------------------------

अक्सर देखने में आया है कि नव विवाहित स्त्रियों में 8० प्रतिशत एक साल के अन्दर ही गर्भ धारण करने में कामयाब हो जाती है| यदि एक साल तक प्रयास करने पर भी बच्चा ना हो तो यह समस्या का विषय हो सकता है , और ऐसे जोड़े को इनफरटाईल समझा जाता हैं. बच्चा पैदा होने के लिए दम्पती के बीच सम्भोग का होना अनिवार्य है. और इसके दौरान पुरुष का लिंग स्त्री की योनी में प्रविष्ट होकर स्त्री की योनी में शुक्राणु उत्सर्जित करने होंगे , जिससे शुक्राणु गर्भाशय के मुख के पास इकठ्ठा हो जायेगे|. यह प्रक्रिया सेक्स के दौरान स्वत: ही हो जाती है , इसलिए इसकी चिंता करने की कोई ज़रुरत नहीं है. इसके आलावा सम्भोग अंडाणु उत्सर्जन के समय के आस-पास होना चाहिए. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे महिलाओं के अंडाशय से अंडे निकलते हैं| अंडाणु उत्सर्जन मासिक धर्म चक्र का भाग होता है, जो कि ऋतू स्राव के चौदहवें दिन, जब रक्त स्राव शुरू हो जाता है तब शुरू होता है. - बच्चा पैदा करने की योजना करने के लिए सबसे पहिले स्त्री-पुरुष दोनों को अपने प्रजनन अंगों की भली प्रकार चिकित्सकीय जांच कराना चाहिए| प्रजनन अंगों के दोषों का पता लगाकर इलाज कराना...

जौ (Barley)

जौ (Barley) एक किस्म का अनाज होता है जो कुछ कुछ गेहूं जैसा दिखता है। बाजार से लगभग 250 ग्राम जौ ले आएँ। ध्यान रहे कि इसमे घुन न लगा हुआ हो। इसे साफ कर ले। मंद मंद आग पर कड़ाही मे डाल कर भून ले। ध्यान रहे कि जले नहीं। इसके बाद इसे मोटा मोटा कूट/ पीस ले। जरूरत के समय 1 बड़ा चम्मच जौ का चूर्ण लेकर उसमे 1 छोटा चम्मच देशी घी मिला कर तेज गरम तवे पर या तेज गरम लोहे की कड़छी मे डाल कर इसका धुआँ नाक से या मुँह से खींचें। यदि लकड़ी के जलते हुए कोयले पर डाल कर धुआँ खींचे तो और भी अधिक लाभदायक है। धुआँ लेने के 15 मिनट पहले और 2 घंटे बाद तक ठंडा पानी न पिए। प्यास लगे तो गरम दूध पिए। यदि बार बार मुँह सूखता हो और प्यास लगती हो तो ये प्रयोग न करें। नए जुकाम मे जब सिर भारी हो और नाक बंद तब यह प्रयोग करें और चमत्कार देखें। 5 मिनट मे फायदा होगा। खांसी, दमे मे इन्हेलर कि तरह तत्काल फायदा दिखता है। खर्राटे मे प्रतिदिन ये धुआँ लें। सुबह शाम किसी भी समय ले सकते हैं। कोई साइड इफेक्ट नहीं। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित। अन्य दवाओं के साथ भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। बदलते मौस...

बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे

🌿बाजरा खाइए, हड्डियों के रोग नहीं होंगे🌿 ➖➖➖➖➖➖➖➖ बाजरे की रोटी का स्वाद जितना अच्छा है, उससे अधिक उसमें गुण भी हैं। 🌿- बाजरे की रोटी खाने वाले को हड्डियों में कैल्शियम की कमी से पैदा होने वाला रोग आस्टियोपोरोसिस और खून की कमी यानी एनीमिया नहीं होता। 🌿- बाजरा लीवर से संबंधित रोगों को भी कम करता है। 🌿- गेहूं औरचावल के मुकाबले बाजरे में ऊर्जा कई गुना है। 🌿- बाजरे में भरपूर कैल्शियम होता है जो हड्डियों के लिए रामबाण औषधि है। उधर आयरन भी बाजरे में इतना अधिक होता है कि खून की कमी से होने वाले रोग नहीं हो सकते। 🌿- खासतौर पर गर्भवती महिलाओं ने कैल्शियम की गोलियां खाने के स्थान पर रोज बाजरे की दो रोटी खाना चाहिए। 🌿- वरिष्ठ चिकित्साधिकारी मेजर डा. बी.पी. सिंह के सेना में सिक्किम में तैनाती के दौरान जब गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और आयरन की जगह बाजरे की रोटी और खिचड़ी दी जाती थी। इससे उनके बच्चों को जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक कैल्शियम और आयरन की कमी से होने वाले रोग नहीं होते थे। 🌿-इतना ही नहीं बाजरे का सेवन करने वाली महिलाओं में प्रसव में असामान्य पीड़ा के मामले भी न के बर...

पेट की चर्बी घटाना कोई मुश्‍किल काम नहीं है

पेट की चर्बी घटाना कोई मुश्‍किल काम नहीं है बशर्ते आपको सही खान-पान और रेगुलर एक्‍सरसाइज पर ध्‍यान देना होगा। आइये जानते हैं कि फ्लैट बेली पाना कितना आसान है। इस जादुई समय पर खाइये दोपहर के 3 और 4 बजे कोशिश करें कि प्रोटीन युक्‍त आहार लें। ऐसा इसलिये क्‍योकि यह मैटाबॉलिज्‍म बढाएगा और खून में शुगर को भी बैलेंस करेगा। शरीर में जितना लो ब्‍लड शुगर रहेगा उतना ही इंसुलिन भी लो रहेगा क्‍योंकि इंसुलिन ही होता है जो फैट को पेट के बीच में जमा रखता है। दिन में हर 2 से 4 घंटे के बीच में कुछ ना कुछ खाते रहने से ब्‍लड शुगर सामान्‍य रहता है। बॉल एक्‍सरसाइज करें जमीन पर पीठ के बल पर सीधा लेट जाए। अब हाथों पर एक्‍सारसाइज वाली बडी़ बॉल को हाथों में ले कर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अब अपने हाथों की बॉल को अपने पैरों में पकड़ाएं और फिर पैरों को नीचे ले जा कर दुबारा बॉल ले कर ऊपर आएं। फिर पैरों से जो बॉल उठाई गई है उसे दुबारा हाथों में पकाड़ाएं। इस क्रिया को लगातार 12 बार करें। चीनी का कम सेवन करें जितना हो सके उतनी कम मात्रा में चीनी खाएं। इससे इन्‍सुलिन लेवल लो रहेगा जिससे ग्लूक...

दिन की शुरुआत करें नींबू पानी से

अपने दिन की शुरुआत नींबू पानी से करें। क्योकि पेट पर जमा अतिरिक्‍त चर्बी को कम करने का यह कारगर घरेलू उपाय है। गुनगुने पानी में नींबू का रस और थोड़ा सा नमक मिला लें। हर रोज सुबह इसका सेवन करने से आपका मेटाबॉलिज्‍म दुरुस्‍त रहता है और साथ ही आपको वजन कम करने में भी मदद मिलती है मीठे से करे पहरहेज अगर आप चर्बी कम करना चाहते हैं, तो मिठाई से दूर रहना होगा । मीठे पदार्थ आपके शरीर पर अति‍रिक्‍त चर्बी जमा करते हैं। यह चर्बी आपके शरीर के विभिन्‍न हिस्‍सों जैसे पेट और जांघों पर जमा हो जाती है। जो हमारे लिए मोटापे का कारण बनती है दिन में खूब पानी पियें पेट की चर्बी कम करने के लिए आपको दिन में खूब पानी पीना चाहिए। यह बेहद कारगर उपाय है। नियमित अंतराल पर पानी पीते रहने से आपका पेट भी ठीक रहता है और चर्बी भी दूर करता है और आपके शरीर से विषैले पथार्थों को बी बहार निकालता है और आपका शरीर स्‍वस्‍थ रहता है सुबह-सुबह कच्‍चा लहसुन खायें सुबह-सुबह रोजाना लहसुन की दो तीन कलियां चबाना और ऊपर से नींबू पानी पीना आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। इससे वजन कम करने की आपकी प्रक्रिया...

हार्ट अटैक से बचने के दस उपाय

अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी-डीएल तक रखिए : कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद है , जिनसे जितना अधिक हो , बचने की कोशिश करनी चाहिए । अगर आपको युक्त यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पडा सकता है । अपना सारा भोजन बगैर तेल के बनाएं , लेकिन मसाले का प्रयोग बंद नहीं : मसाले हमें भोजन का स्वाद देते है , न की तेल का । हमारे ‘ जीरो आयल ‘ भोजन निर्माण विधि का प्रयोग करें और हजारों हजार जीरो आयल भोजन स्वाद के साथ समझोता किए बगैर तैयार करें । तेल ट्रिगलीराइडस होते है और रक्त स्तर 130 एमजी-डीएल के नीचे रखा जाना चाहिए । अपने तनावों को लगभग 50 प्रतिशत तक कम करें : इससे आपको ह्रदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी , क्योंकि मनोवेग्नानीक तनाव ह्रदय की बीमारियों की मुख्य वजह है । इससे आपको बेह्तार जीवन स्तर बनाए रखने में भी मदद मिलेगी । हमेशा ही रक्त दबाव को 120-80 एमएम एचजी के आस – पास रखे : बढ़ा हुआ रक्त दबाव विशेष रूप से 130-90 से ऊपर ब्लांकेज को दुगुनी रफ्तार से बढ़ाएगा । तनाव में कमी , ध्यान , नमक में कमी तथा यहाँ तक की हल्की दवाएं लेकर भी एअक्त दबाव को कम करना...

नींबू के 30 आयुर्वेदिक नुस्खेँ

1-शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है। 2-नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है। 3-नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है। 4-नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है। 5- नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है। 6-नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है। 7- नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है। 8- नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है। 9-बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें। 10-आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी। 11- दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएं और रूई की सहायता से दिन में कई बार घाव पर लगाएं, घाव बहुत जल्द ठीक हो जाएगा। 12- प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ज़ैतून का तेल पीने से पत्थरी से छुटकारा मिलता है। 13- किसी जानवर के काटे या डसे हुए भाग पर रूई से नींबू का रस लगांए, लाभ हो...

मोटापा घटाने के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपाय

* गेहूं ,चावल,बाजरा और साबुत मूंग को समान मात्रा में लेकर सेककर इसका दलिया बना लें ! इस दलिये में अजवायन २० ग्राम तथा सफ़ेद तिल ५० ग्राम भी मिला दें ! ५० ग्राम दलिये को ४०० मि.ली.पानी में पकाएं ! स्वादानुसार सब्जियां और हल्का नमक मिला लें ! नियमित रूप से एक महीनें तक इस दलिये के सेवन से मोटापा और मधुमेह में आश्चर्यजनक लाभ होता है. * अश्वगंधा के एक पत्ते को हाथ से मसलकर गोली बनाकर प्रतिदिन सुबह,दोपहर,शाम को भोजन से एक घंटा पहले या खाली पेट जल के साथ निगल लें ! एक सप्ताह के नियमित सेवन के साथ फल,सब्जियों,दूध,छाछ और जूस पर रहते हुए कई किलो वजन कम किया जा सकता है ! * मूली के रस में थोडा नमक और निम्बू का रस मिलाकर नियमित रूप से पीने से मोटापा कम हो जाता है और शरीर सुडौल हो जाता है . * आहार में गेहूं के आटे और मैदा से बने सभी व्यंजनों का सेवन एक माह तक बिलकुल बंद रखें तथा इसमें रोटी भी शामिल है अब अपना पेट पहले के ४-६ दिन तक केवल दाल,सब्जियां और मौसमी फल खाकर ही भरें और दालों में आप सिर्फ छिलके वाली मूंग कि दाल ,अरहर या मसूर कि दाल ही ले सकतें हैं चनें या उडद कि दाल नहीं तथा...

होठों का कालापन दूर करने आयुर्वेदिक नुस्खेँ

होठों का कालापन होंठों को खूबसूरत बनाने के लिए आप क्‍या नहीं करतीं। लिपस्टिक, लिप बाम, माश्‍चराइजर और ना जाने क्‍या-क्‍या। लेकिन, होंठों पर लगाये जाने वाले कई उत्‍पाद वास्‍तव में उन्‍हें खूबसूरत बनाने के बजाय लंबे समय में उन्‍हें नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप भी अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो इस स्‍लाइड शो में बताए गए प्राकृतिक उपायों को अपनाकर अपनी समस्‍या से छुटकारा पा सकते हैं। कोको बटर दो बड़े चम्मच कोको बटर, आधा छोटा चम्मच मधु वैक्स लीजिए। उबलते पानी पर एक बर्तन में वैक्स डालकर पिघला दीजिए। इसमें कोको बटर मिलाएं। अब इस मिश्रण को ठंडा होने के बाद ब्रश की मदद से होंठों पर लगाइए। इससे होंठ मुलायम होंगे और उनका कालापन दूर हो जाएगा। दूध की मलाई होंठों से रूखापन हटाने के लिए थोडी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी‍ मिलाकर नियमित रूप से धीरे-धीरे होठों पर मालिश करें। आप देखेंगे कि इस घरेलू उपाय से कुछ ही दिनों में आपके होठ मुलायम और गुलाबी होने लगेंगे गुलाब की पंखुडियां होंठों के कालेपन को दूर करने के लिए गुलाब की पंखुडि़यां बहुत ही फायदेमंद होती है। इसके नियमित इस्‍तेमा...

छुटकारा पायें तनाव-टेंशन

तनाव क्या होता है? तनाव आपके शरीर में उत्पन हुई एक सामान्य प्रतिक्रिया होती है जब आप अपने आपको किसी संकट से घिरा पाते हैं या आपका मानसिक सुंतलन बिगड़ जाता है। तनाव से जुड़ी प्रतिक्रिया आपको चुनौतियों का सामना करने में सहायता करती है। पर एक सीमा के बाद, यही तनाव कोई भी सहायता करना बंद कर देता है और आपके स्वास्थ्य, आपके मूड, आपकी उत्पादकता, आपके संबंधों और आपके जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर करता है। आयुर्वेद में तनाव के कई स्वरुप होते हैं जैसे कि मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक तनाव; और अलग अलग तरह के तनाव में अलग अलग तरह के उपचार की ज़रुरत पडती है। आयुर्वेद के हिसाब से मानसिक तनाव मस्तिष्क का ज़रुरत से ज़्यादा उपयोग, या दुरूपयोग करने से होता है। मसलन अगर आप अधिक समय तक मानसिक कार्य करते हैं या कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करते हैं तो आपकी मानसिक गतिविधियाँ, ऊर्जा, और दिमाग से जुड़े प्राण-वात तत्वों में असुंतलन पैदा होता है। और प्राण-वात के असुंतलन का पहला लक्षण होता है तनाव को संभालने में असर्मथता। जैसे जैसे तनाव बढ़ता है वैसे वैसे धी, धृति, और स्मृति जैसी मानसिक प्रक्रिया में बदला...

आयुर्वेदिक चूर्ण

हम इससे पहले आयुर्वेदिक दवाओं में गोलियों, वटियों भस्म व पिष्टी की जानकारी आपको दे चुके हैं। आयुर्वेद के कुछ चूर्ण, जो दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी हैं, की जानकारी दी जा रही है- अश्वगन्धादि चूर्ण : धातु पौष्टिक, नेत्रों की कमजोरी, प्रमेह, शक्तिवर्द्धक, वीर्य वर्द्धक, पौष्टिक तथा बाजीकर, शरीर की झुर्रियों को दूर करता है। मात्रा 5 से 10 ग्राम प्रातः व सायं दूध के साथ। अविपित्तकर चूर्ण : अम्लपित्त की सर्वोत्तम दवा। छाती और गले की जलन, खट्टी डकारें, कब्जियत आदि पित्त रोगों के सभी उपद्रव इसमें शांत होते हैं। मात्रा 3 से 6 ग्राम भोजन के साथ। अष्टांग लवण चूर्ण : स्वादिष्ट तथा रुचिवर्द्धक। मंदाग्नि, अरुचि, भूख न लगना आदि पर विशेष लाभकारी। मात्रा 3 से 5 ग्राम भोजन के पश्चात या पूर्व। थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए। आमलकी रसायन चूर्ण : पौष्टिक, पित्त नाशक व रसायन है। नियमित सेवन से शरीर व इन्द्रियां दृढ़ होती हैं। मात्रा 3 ग्राम प्रातः व सायं दूध के साथ। आमलक्यादि चूर्ण : सभी ज्वरों में उपयोगी, दस्तावर, अग्निवर्द्धक, रुचिकर एवं पाचक। मात्रा 1 से 3 गोली सुबह व शाम पानी से। एलादि चूर्ण : उल्टी...

शतावरी

शतावरी वैसे तो स्त्री-पुरुष दोनों के लिए ही उपयोगी व लाभप्रद गुणों से युक्त जड़ी है, फिर भी यह स्त्रियों के लिए विशेष रूप से गुणकारी एवं उपयोगी है। गुण : यह भारी, शीतल, कड़वी, स्वादिष्ट, रसायनयुक्त, मधुर रसयुक्त, बुद्धिवर्द्धक, अग्निवर्द्धक, पौष्टिक, स्निग्ध, नेत्रों के लिए हितकारी, गुल्म व अतिसार नाशक, स्तनों में दूध बढ़ाने वाली, बलवर्द्धक, वात-पित्त, शोथ और रक्त विकार को नष्ट करने वाली है। यह छोटी और बड़ी दो प्रकार की होती है। विभिन्न भाषाओं में नाम : संस्कृत- शतावरी। हिन्दी- शतावर। मराठी- शतावरी। गुजराती- सेमुखा। बंगाली- शतमूली। तेलुगू- एट्टुमट्टी टेंडा। तमिल- सडावरी। कन्नड़- माज्जिगे गड्डे। फारसी- शकाकुल। इंग्लिश- एरेस मोसस। लैटिन- एस्पेरेगस रेसिमोसस। परिचय : यह लता जाति का काँटेदार पौधा होता है जो जड़ से ही अनेक शाखाओं में फैला हुआ होता है। इसके पत्ते छोटे और सोया (सुआ) जैसे होते हैं। फूल छोटे और सफेद रंग के होते हैं। इसकी शाखाएँ तिकोनी, चिकनी और रेखांकित होती हैं। उपयोग : इसका उपयोग विभिन्न नुस्खों में व्याधियों को नष्ट कर शरीर को पुष्ट और सुडौल बनाने के लिए किया जात...

पौष्टिक नारियल पानी

नारियल के पानी में दूध से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं क्योंकि इसमें कोलेस्ट्रोल और वसा की मात्रा नहीं है। नारियल पानी में बेहद गुण पाए जाते हैं। इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में इलेक्ट्रोलाइट और पोटेशियम पाया जाता है, जो ब्लड प्रेशर और दिल की गतिविधियों को दुरुस्त करने में सहयोगी होता है। इसके इस्तेमाल से रक्त स्राव तेज गति से काम करता है और पाचन क्रिया भी दुरुस्त रहती है। नारियल का पानी न केवल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है बल्कि शरीर में मौजूद  बहुत से वायरसों से भी लड़ाई करता है। अगर आपको किडनी में पथरी की समस्या है तो यह आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा। नारियल का पानी लगातार सेवन करने से किडनी में मौजूद पथरी अपने आप खत्म हो जाती है। अगर आपको किडनी से संबंधित अन्य कोई समस्या हो तब भी फौरन एक गिलास नारियल पानी पी लीजिए, मिनटों में निजात मिल जाएगी। नशे को कम करने में भी नारियल पानी बहुत ही प्रभावी है।

गुड़ करे बिमारीओ को दूर

उज्जैन। आमतौर पर यही समझा जाता है कि गुड़ से भोजन की मिठास बढ़ाई जाती है, लेकिन कम ही लोग ऐसे हैं जो यह जानते हैं कि गुड़ से जुड़ी कई प्राचीन परंपराएं और उपाय भी हैं। गुड़ केवल एक सामान्य सी चीज नहीं है, इससे चमत्कारी लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं। गुड़ सभी लोगों के घर में आसानी मिल जाता है। इसकी तासीर काफी गर्म होती है। इसी वजह से गर्भवती स्त्री को गुड़ से परहेज करना चाहिए। ये है प्राचीन परंपरा पुरानी परंपराओं में से एक परंपरा है घर से निकलने से पहले गुड़ खाना। अक्सर घर के वृद्धजन किसी भी व्यक्ति को घर से बाहर निकलने से पहले गुड़ खाने की सलाह देते हैं। इस परंपरा के पीछे कई चमत्कारी लाभ छिपे हुए हैं। इस परंपरा को अच्छा शकुन भी माना जाता है। इससे हमारी वाणी भी गुड़ की तरह ही मीठी हो जाती है। घर से निकलते वक्त गुड़ खाने से हमारी सोच सकारात्मक होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है, क्योंकि गुड़ की मिठास से मन शांत होता है। शांत मन से हम किसी भी कार्य को ठीक से कर पाते हैं और सफलता प्राप्त होती है। हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय है बंदर...

कद बढ़ाने के आसान तरीके

कद बढ़ाने के लिये सूखी नागौरी, अश्वगंधा की जड़ को कूटकर बारीक कर चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में खांड मिलाकर किसी टाईट ढक्कन वाली कांच की शीशी में रखें। इसे रात सोते समय रोज दो चम्मच गाय के दूध के साथ लें। इससे दुबले व्यक्ति भी मोटे हो जायेंगे। कम कद वाले लोग लंम्बे हो सकते हैं। इससे नया नाखून भी बनना शुरू होता है। इस चूर्ण का सेवन करने से कमजोर व्यक्ति अपने अंदर स्फूर्ति महसूस करने लगता है। इस चूर्ण को लगातार 40 दिन तक लेते रहें। इस चूर्ण को शीतकाल मे ं लेने से अधिक लाभ मिलता है। सावधानी: इस चूर्ण का सेवन करते समय खटाई, तली चीजें न खायें और जिन्हें आंव की शिकायत हो, तो अश्वगंधा न लें। किसी कारणवश आप ये चूर्ण नहीं ले पा रहे हैं, तो सुबह व्यायाम करें। व्यायाम में ताड़ासन करना सर्वोत्तम है। ताड़ासन– दोनों हाथ उपर करके सीधे खड़े हो जायें, दीर्घ श्वास लें, हाथ ऊपर धीरे-धीरे उठाते जायें और साथ-साथ पैर की एडियां भी उठती रहे। पूरी एड़ी उठाने के बाद शरीर को पूरी तरह से तान दें और दीर्घ श्वास लें। इससे फेफडे़ फैलते हैं और स्वच्छ वायु मिलती भी है। ताड़ासन करने से स्नायु सक्रिय होकर ...

दूर करें गांजापन

कई बार सिर पर चोट लगने, बीमारियां, डायबिटीज, ल्यूकेमिया, क्षय, दाद, एक्जीमा आदि से भी हमारे सिर के बाल धीरे-धीरे झडऩे लगते हैं। बालों का इस तरह झडऩा ही बढ़ते हुए यह गंजेपन का रूप ले लेता है। चिंता, परेशानी, सदमा और दुर्घटना से भी सिर के बाल गिरने लगते हैं। लेकिन कुछ आयुर्वेदिक उपाय ऐसे भी हैं जिन्हें आजमाकर गंजेपन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है साथ ही बालों को मजबूत और सुंदर बनाया जा सकता है। आवश्यक पोषक तत्वों की कमी जैसे आयोडिन, विटामिन बी कॉम्पलेक्स,  आयरन, तांबा, विटामिन ए की कमी से भी हमारे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। परिणामस्वरूप सिर के बाल रूखे होने लगते हैं और धीरे-धीरे उनका टूटना और गिरना शुरु हो जाता है। इसलिए ऐसे में अंकुरित गेहूं, चना, मूंग आदि खाना बहुत लाभदायक है। साथ ही भोजन में पनीर, सिंघाड़ा, पालक बथुआ, मटर, टमाटर आदि के साथ ही सलाद भी लेते रहना चाहिए। - रोजाना तीन माह तक सुबह खाली पेट काला तिल व भृंगराज बराबर मात्रा में मिलाकर चबाकर खाने से बाल लंबे व घने हो जाते हैं और बालों का झडऩा बंद हो जाता है। गंजे वाले स्थान पर अमरबेल का लेप नियमित रूप से एक ...

अनमोल कैल्शियम बनाएँ मजबूत हड्डियाँ

प्रत्येक युवक की यह तमन्ना होती है कि उसकी भुजाएँ बलिष्ठ हों और चेहरे से ज्यादा आकर्षण पूरे शरीर में दिखे। इसके लिए वे तरह-तरह के व्यायाम करते हैं और अत्याधुनिक मशीनी सुविधाओं से सज्जित जिम में भी जाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि मजबूत भुजाएँ और बलिष्ठ शरीर के लिए कैल्शियम का कितना महत्व है? आइए देखते हैं हमारे भोजन मे यह किस तरह से मिलता है और शरीर को मजबूती प्रदान करता है। इसके महत्व को आमतौर पर सभी माताएँ जानती हैं। बच्चों को दिन में द ो-तीन बार जबरन दूध पिलाने वाली आज की माताएँ जानती हैं कि कैल्शियम उसकी बढ़ती हड्डियों के लिए कितना जरूरी है। वहीं पुराने समय की या कम पढ़ी-लिखी ग्रामीण माताएँ भी इतना तो अवश्य जानती थीं कि दूध पीने से बच्चे का डील-डौल व कद बढ़ता है। यह बच्चे को चुस्त व बलिष्ठ भी बनाता है। भले ही उन्हें दूध में पाए जाने वाले अनमोल कैल्शियम का ज्ञान न हो, जो बच्चों की हड्डियों, दाँतों के स्वरूप, उनके आकार व उन्हें स्वस्थ व मजबूत बनाने में अति सहायक सिद्ध हुआ है। इसी कैल्शियम की निरंतर कमी के कारण बच्चों के दाँत, हड्डियाँ व शरीर कमजोर हो जाते हैं। 'आयुर्वेद च...

पथरी के रामबाण उपाय

किडनी में स्टोन की समस्या आजकल आम हो चली है। इसकी बड़ी वजह खान-पान की गलत आदतें होती हैं। जब नमक एवं अन्य खनिज (जो हमारे मूत्र में होते हैं) वे एक दूसरे के संपर्क में आते है या अगर किसी कारण से पेशाब गाढा हो जाता है तो किडनी के अन्दर छोटे-छोटे पत्थर जैसी कठोर वस्तुएं बन जाती हैं जिन्हे गुर्दे की पथरी के रूप में जाना जाता है। गुर्दे की पथरी अलग अलग आकार की हो सकती है| कुछ पथरी रेत के दानों की तरह बहुत हीं छोटे आकार के होते हैं तो कुछ बहुत हीं बड़े। आमतौर पर छोटे मोटे पथरी मूत्र के जरिये शरीर के बाहर निकल जाया करते हैं लेकिन जो पथरी आकार में बड़े होते हैं वे बाहर नहीं निकल पाते एवं मूत्र के बाहर निकलने में बहुत ही बाधा डालते हैं उससे बहुत हीं ज्यादा पीड़ा उत्पन्न होती है। पथरी का दर्द कभी-कभी बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। इसमें पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रूक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो सकती है।यहाँ पर हम आपको पथरी के कुछ आसान घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं। *नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है। पथ...

आँखों की रौशनी तेज करने के उपाय

ईश्वर की बनायी गयी इस दुनिया को दखने का माध्यम केवल हमारी ऑंखें ही है और इनको उम्र के पड़ाव के साथ देखभाल की भी नितांत आवयकता होती है क्योंकि बढ़ती उम्र के साथ हमारी आँखों के चारो तरफ क मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती है और हमारी आँखें कमजोर हो जाती है। आंखों की रौशनी हमारे आहार और जीवनशैली पर भी निर्भर करती है। आँखों की देखभाल और उसकी रौशनी बढ़ाने के कुछ आसान से उपाय * सुबह उठकर मुहँ में पानी भरकर आँखें खोलकर साफ पानी के छीटें आँखों में मारने चाहिए इससे आँखों की रौशनी बढ़ती है । * प्रातः खाली पेट आधा चम्मच ताजा मक्खन, आधा चम्मच पसी हुई मिश्री और 5 पिसी काली मिर्च मलाकर चाट लें, इसके बाद कच्चे नारीयल की गिरी के 2-3 टुकड़े खूब चबा-चबाकर खाये और ऊपर से थोड़ी सौंफ चबाकर खा लें फिर दो घंटे तक कुछ भी न खाये। यह क्रिया 2-3 माह तक जरूर करिये । * बालों पर रंग, हेयर डाई और केमीकल शैम्पू लगाने से परहेज करें । * रात को 1 चम्मच त्रिफला मिट्टी के बर्तन में भिगाकर सुबह छाने हुए पानी से आँखें धोयें। इससे आँखों की रोशनी बढ़ती है और कोई बीमारी भी नहीं होती है। * प्रातःकाल सूर्योदय से पहले नियमित र...

गिरते बालों के लिए घरेलू उपचार

आज दुनिया के करोड़ों लोग चाहे पुरूष हों या स्त्री बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं। बालों की देखभाल सही तरह से न की जाये तो बाल गिरने शुरू हो जाते हैं। हालांकि सामान्यत: लोगों के बाल झड़ते हैं लेकिन सामान्य से ज्यादा बाल झड़ रहे हैं तो समझिए कि समस्या गम्भीर हैं। बाल झड़ने के पीछे तनाव, इन्फेक्शन, हार्मोन्स का असंतुलन, पोषक पदार्थों की कमी, दवाओं के साइड इफेक्ट्स, लापरवाही बरतना या बालों की सही देखभाल न करना घटिया साबुन और शैंपू का प्रयोग आदि कई कारण हो सकते है। यहाँ पर हम पेश कर रहे हैं कुछ नुस्खे जो हमेँ गिरते बालों की समस्या से बचाएंगे । *बालों का गिरना रोकने और बालों की वृद्धि के लिए सप्ताह में एक बार अपने बालों की रोज़मेरी ऑयल से मसाज कीजिए, इससे बाल मजबूत होते हैं। *बालों को मजबूत बनाने और टूटने से बचाने के लिए बालों को भरपूर पोषण दीजिए। मेंहदी में भरपूर पोषण होता है जो बालों के लिए फायदेमंद है, इसलिए बालों में मेहंदी लगानी चाहिए।मेंहदी को अंडे के साथ मिलाकर लगाने से भी बहुत फायदा होता है। *बालों के झड़ने का मुख्य कारण शारीरिक गतिविधियों की कमी भी है। नियमित रूप से कसर...

बवासीर के उपचार

बवासीर मलाशय के आसपास की नसों की सूजन के कारण विकसित होता है। बवासीर दो प्रकार की होती है,खूनी बवासीर और बादी वाली बवासीर,खूनी बवासीर में मस्से खूनी सुर्ख होते है,और उनसे खून गिरता है,जबकि बादी वाली बवासीर में मस्से काले रंग के होते है,और मस्सों में खाज पीडा और सूजन होती है। बवासीर बेहद तकलीफदेह होती है। देर तक कुर्सी पर बैठना और बिना किसी शेड्यूल के कुछ भी खा लेना इसका प्रमुख कारण है।हम आपको यहाँ पर कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में बताते हैं जिससे बवासीर और इससे  होने वाले दर्द में राहत मिल सकती है। *एक पके केले को बीच से चीरकर उसके दो टुकडे कर लें फिर उस पर कत्था पीसकर छिडक दें, इसके बाद उस केले को खुले आसमान के नीचे शाम को रख दें,सुबह को उस केले को शौच करने के बाद खालें। एक हफ़्ते तक लगातार इसको करने के बाद भयंकर से भयंकर बवासीर भी समाप्त हो जाती है। *खूनी बवासीर में एक नींबू को बीच में से काटकर उसमें लगभग 4-5 ग्राम कत्था पीसकर डाल दीजिए। इन दोनों टुकड़ों को रात में छत पर खुला रख दीजिए। सुबह उठकर नित्य क्रिया से निवृत होने के बाद इन दोनों टुकड़ों को चूस लीजिए। पांच दिन तक इ...

सांवली त्वचा का सलोना निखार

यूँ तो साँवली त्वचा की खूबसूरती पर कवियों ने अपनी कलम खूब चलाई है। बावजूद इसके सांवला रंग युवा वर्ग में परेशानी का सबब बना हुआ है। गोरेपन की क्रीम के झांसे में फंसने के बजाय बेहतर होगा कि अपनी त्वचा को निखरी और सलोनी बनाने के प्रयास किए जाए। दुनिया की कोई भी क्रीम आपको गोरा नहीं बना सकती अत: आपको जो त्वचा प्राकृतिक रूप से मिली है उसी को स्वस्थ और आकर्षक बनाने के जतन करने चाहिए। सांवली त्वचा को सलोनी रंगत देने के लिए अपनी मजीठ, हल्दी, चिरौंजी 50-50 ग्रा. लेकर पाउडर बना लें। एक-एक चम्मच सब चीजों को मिलाकर इसमें 6 चम्मच शहद मिलाएं और नींबू का रस तथा गुलाब जल डालकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे, गरदन, बांहों पर लगाएं और एक घंटे के बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। ऐसा सप्ताह में दो बार करने से चेहरे का सांवलापन दूर होकर रंग निखर आएगा। नींबू व संतरे के छिलकों को सुखाकर चूर्ण बना लें। इस पाउडर को हफ्ते में एक बार बिना मलाई के दूध में मिलाकर लगाएं, त्वचा में आकर्षक चमक आएगी। जाड़े के दिनों में दूध में केसर या एक चम्मच हल्दी का सेवन करने से भी रक्त साफ होता है।

ब्यूटी के सरल घरेलू नुस्खे

शहद : यह त्वचा की झुर्रियां मिटाने में बड़ा सहायक है। यह खुश्क त्वचा को मुलायम कर रेशमी व चमकदार बनाता है। विधि : चेहरे पर शहद की एक पतली तह चढ़ा लें। इसे 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर कॉटनवूल भिगोकर इसे पोंछ लें। तैलीय त्वचा वाले शहद में चार-पांच बूंद नीबू का रस डालकर उपयोग करें। नीम : यह त्वचा में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके प्रयोग से मुंहासे में जादू जैसा लाभ होता है। विधि : चार-पांच नीम की पत्तियों को पीसकर मुलतानी मिट्टी में मिलाकर लगाएं, सूखने पर गरम पानी से धो लें। केला : यह त्वचा में कसाव लाता है तथा झुर्रियों को मिटाता है। विधि : पका केला मैश कर चेहरे पर लगाएं। आधा घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें।

हल्दी वाला दूध

- रात को सोते समय देशी गाय के गर्म दूध में एक चम्मच देशी गाय का घी और चुटकी भर हल्दी डालें . चम्मच से खूब मिलाकर कर खड़े खड़े पियें. - इससे त्रिदोष शांत होते है. - संधिवात यानी अर्थ्राईटिस में बहुत लाभकारी है. - किसी भी प्रकार के ज्वर की स्थिति में , सर्दी खांसी में लाभकारी है. - हल्दी एंटी माइक्रोबियल है इसलिए इसे गर्म दूध के साथ लेने से दमा, ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों में कफ और साइनस जैसी समस्याओं में आराम होता है. यह बैक्टीरियल और वायरल संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है. - वजन घटाने में फायदेमंद गर्म दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा चर्बी घटती है. इसमें मौजूद कैल्शियम और मिनिरल्स सेहतमंद तरीके से वजन घटाने में सहायक हैं। - अच्छी नींद के लिए हल्दी में अमीनो एसिड है इसलिए दूध के साथ इसके सेवन के बाद नींद गहरी आती है.अनिद्रा की दिक्कत हो तो सोने से आधे घंटे पहले गर्म दूध के साथ हल्दी का सेवन करें. - दर्द से आराम हल्दी वाले दूध के सेवन से गठिया से लेकर कान दर्द जैसी कई समस्याओं में आराम मिलता है. इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है. ...

झटपट चेहरा चमकाने के घरेलू तरीके

1. दो छोटे चम्मच बेसन में आधा छोटा चम्मच हल्दी मिलाएं। इस मिश्रण में दस बूंद गुलाब जल व दस बूंद नींबू मिलाकर फेंटे। उसके बाद थोड़ा कच्चा दूध मिलाकर पतला लेप बना लें। इस लेप को नहाने से पहले चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद चेहरे को धो लें। 2. आंखों के नीचे काले घेरे हों तो रोजाना आंखों के आसपास कच्चे आलू के टुकड़े से हल्के हाथों से मसाज करें। कुछ ही दिनों में काले घेरे दूर हो जाएंंगे। 3. एक चम्मच शहद लेकर उसे चेहरे पर हल्के हाथों से लगाएं। 15-20 मिनट लगा रहने दें, फिर चेहरा धो लें। तैलीय त्वचा हो तो शहद में चार-पांच बूंद नींबू का रस डालकर लगाएं। 4. जौ का आटा, हल्दी और सरसों का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर पर मालिश कर गर्म पानी से नहाएं। दूध में केसर मिलाकर पिएं। 5. संतरे का जूस पिएं। संतरे के छिलकों को सुखाकर पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाएं। यह काफी कारगर नुस्खा है। 6. मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर लगाने से रंगत निखरने लगती है। 7. दो चम्मच खीरे का रस, आधा चम्मच नींबू का रस और चुटकी भर हल्दी मिलाकर लगाएं। 8. चार चम्मच मुल्तानी मिट्टी, दो चम्मच शहद, दो च...