पाइल्स का रोकधाम आयुर्वेद के द्वारा
पाइल्स का रोकधाम आयुर्वेद के द्वारा
इस इलाज़ को एक महीना निरंतर उपयोग करने से पाइल्स की प्रॉब्लम खत्म हो सकती हे।
वधि न 01- टंकण नागकेसर सुक्ष्मेला स्वेत जीरा यक्षावर हरड़े सोंठ सनाय यह सभी 15 ग्राम, काली मिर्ची कृष्ण जीरा कला नमक सेंधा नमक पीपल 10 ग्राम इन सभी को बारीक़ कूट कर चूर्ण बना ले।
विधि न 02- यह तेल बाहरी उपयोग के लिए हे। जिस से पहले ही दिन से आराम मिलना शुरू हो जाता हे। (तिल का तेल 25 मि.लि) शुद्ध औषधीया मंजीठ, हल्दी, हर्रे, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, हिबेर, केतकी, वंटाकुर, लोग्र, 170 ग्राम, चमेली नीम करंज और पर्वत क पत्ते मुलेठी दारुहल्दी पदमाकाष्ठ नीलोफर 130 ग्राम सभी शुद्ध औषधियों को बारीक़ पीस कर अच्छी तरह सुखाकर तिल के तेल में डाल कर तेल को गरम करे पहला उबाला आने के बाद तेल को ठंडा करे अगले दिन बोतल में भरे।
जिन लोगो को पाइल्स में खून आता हो वे इस चूर्ण को 3 3 ग्राम सुबह शाम ठन्डे पानी के साथ में लेवे। और तेल का बाहरी उपयोग करे
इस इलाज़ को एक महीना निरंतर उपयोग करने से पाइल्स की प्रॉब्लम खत्म हो सकती हे।
वधि न 01- टंकण नागकेसर सुक्ष्मेला स्वेत जीरा यक्षावर हरड़े सोंठ सनाय यह सभी 15 ग्राम, काली मिर्ची कृष्ण जीरा कला नमक सेंधा नमक पीपल 10 ग्राम इन सभी को बारीक़ कूट कर चूर्ण बना ले।
विधि न 02- यह तेल बाहरी उपयोग के लिए हे। जिस से पहले ही दिन से आराम मिलना शुरू हो जाता हे। (तिल का तेल 25 मि.लि) शुद्ध औषधीया मंजीठ, हल्दी, हर्रे, बहेड़ा, आंवला, नागरमोथा, हिबेर, केतकी, वंटाकुर, लोग्र, 170 ग्राम, चमेली नीम करंज और पर्वत क पत्ते मुलेठी दारुहल्दी पदमाकाष्ठ नीलोफर 130 ग्राम सभी शुद्ध औषधियों को बारीक़ पीस कर अच्छी तरह सुखाकर तिल के तेल में डाल कर तेल को गरम करे पहला उबाला आने के बाद तेल को ठंडा करे अगले दिन बोतल में भरे।
जिन लोगो को पाइल्स में खून आता हो वे इस चूर्ण को 3 3 ग्राम सुबह शाम ठन्डे पानी के साथ में लेवे। और तेल का बाहरी उपयोग करे
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