आलू से घरेलू चिकित्सा

आलू
आलू का इस्तेमाल अकेले भी कर सकते हैं या खीरे के रस के साथ मिलाकर भी कर सकते हैं।

विधि:
दो आलू को फ्रीज में कुछ घंटों तक रख दें। फिर उसका छिलका छुड़ाकर पीसकर रस निकाल लें। उस रस में रूई को भिगोकर उससे रस को आंखों के चारों तरफ लगाकर पंद्रह मिनट के लिए छोड़ दें।उसके बाद पानी से धो लें। आलू ब्लीचिंग एजेन्ट का काम करता है, जो काले घेरे को दूर करने में सहायता करता है।

आलू से घरेलू चिकित्सा
  • रक्तपित्त बीमारी में कच्चा आलू बहुत फायदा करता है।
  • कभी-कभी चोट लगने पर नील पड़ जाती है। नील पड़ी जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ ।
  • शरीर पर कहीं जल गया हो, तेज धूप से त्वचा झुलस गई हो, त्वचा पर झुर्रियां हों या कोई त्वचा रोग हो तो कच्चे आलू का रस निकालकर लगाने से फायदा होता है।
  • भुना हुआ आलू पुरानी कब्ज और अंतड़ियों की सड़ांध दूर करता है। आलू में पोटेशियम साल्ट होता है जो अम्लपित्त को रोकता है।
  • चार आलू सेंक लें और फिर उनका छिलका उतार कर नमक, मिर्च डालकर नित्य खाएँ। इससे गठिया ठीक हो जाता है।
  • गुर्दे की पथरी में केवल आलू खाते रहने पर बहुत लाभ होता है। पथरी के रोगी को केवल आलू खिलाकर और बार-बार अधिक पानी पिलाते रहने से गुर्दे की पथरियाँ और रेत आसानी से निकल जाती हैं।
  • उच्च रक्तचाप के रोगी भी आलू खाएँ तो रक्तचाप को सामान्य बनाने में लाभ करता है।
  • आलू को पीसकर त्वचा पर मलें। रंग गोरा हो जाएगा।
  • कच्चा आलू पत्थर पर घिसकर सुबह-शाम काजल की तरह लगाने से 5 से 6 वर्ष पुराना जाला और 4 वर्ष तक का फूला 3 मास में साफ हो जाता है।
  • आलू का रस दूध पीते बच्चों और बड़े बच्चों को पिलाने से वे मोटे-ताजे हो जाते हैं। आलू के रस में मधु मिलाकर भी पिला सकते हैं।
  • आलुओं में मुर्गी के चूजों जितना प्रोटीन होता है, सूखे आलू में 8.5 प्रतिशत प्रोटीन होता है। आलू का प्रोटीन बूढ़ों के लिए बहुत ही शक्ति देने वाला और बुढ़ापे की कमजोरी दूर करने वाला होता है

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