मिर्गी के घरेलू उपचार
मिर्गी के घरेलू उपचार
मिर्गी रोग होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे- बिजली का झटका लगना, नशीली दवाओं का अधिक सेवन करना, किसी प्रकार से सिर में तेज चोट लगना, तेज बुखार तथा एस्फीक्सिया जैसे रोग का होना आदि। इस रोग के होने का एक अन्य कारण स्नायु सम्बंधी रोग, ब्रेन ट्यूमर, संक्रामक ज्वर भी है।
यह रोग कई प्रकार के गलत तरह के खान-पान के कारण होता है। मस्तिष्क के कोषों पर दबाब बनना शुरू हो जाता है और रोगी को मिर्गी का रोग हो जाता है। दिमाग के अन्दर उपलब्ध स्नायु कोशिकाओं के बीच आपसी तालमेल न होना ही मिर्गी का कारण होता है।
मानसिक तनाव और शारिरिक अति श्रम रोगी के लिये नुकसान देह है। इनसे बचना जरूरी है। इन घरेलू उपचारों से इस रोग को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
1. अंगूर का रस मिर्गी रोगी के लिये अत्यंत उपादेय उपचार माना गया है। आधा किलो अंगूर का रस निकालकर सवेरे खाली पेट लेना चाहिये। यह उपचार करीब 6 माह करने से रोगी इस रोग से मुक्त हो जाता है।
2. मिट्टी को पानी में गीली करके रोगी के पूरे शरीर लेप करना फायदेमंद है। एक घंटे बाद नहालें। इससे दौरों में कमी होकर रोगी स्वस्थ अनुभव करेगा।
3. मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेंहदी के पत्तों का रस मिलाकर रोज सवेरे दो सप्ताह तक पीने से दौरे बंद हो जाते हैं।
4. रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग जल्दि ठीक होता है।
5. पेठा मिर्गी के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। पेठे की सब्जी बनाई जाती है लेकिन इसका जूस नियमित पीने से ज्यादा लाभ मिलता है।
6. गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फायदा पहुंचाता है। इसे आप दस ग्राम रोज खा सकते हैं।
मिर्गी रोग होने के और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे- बिजली का झटका लगना, नशीली दवाओं का अधिक सेवन करना, किसी प्रकार से सिर में तेज चोट लगना, तेज बुखार तथा एस्फीक्सिया जैसे रोग का होना आदि। इस रोग के होने का एक अन्य कारण स्नायु सम्बंधी रोग, ब्रेन ट्यूमर, संक्रामक ज्वर भी है।
यह रोग कई प्रकार के गलत तरह के खान-पान के कारण होता है। मस्तिष्क के कोषों पर दबाब बनना शुरू हो जाता है और रोगी को मिर्गी का रोग हो जाता है। दिमाग के अन्दर उपलब्ध स्नायु कोशिकाओं के बीच आपसी तालमेल न होना ही मिर्गी का कारण होता है।
मानसिक तनाव और शारिरिक अति श्रम रोगी के लिये नुकसान देह है। इनसे बचना जरूरी है। इन घरेलू उपचारों से इस रोग को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
1. अंगूर का रस मिर्गी रोगी के लिये अत्यंत उपादेय उपचार माना गया है। आधा किलो अंगूर का रस निकालकर सवेरे खाली पेट लेना चाहिये। यह उपचार करीब 6 माह करने से रोगी इस रोग से मुक्त हो जाता है।
2. मिट्टी को पानी में गीली करके रोगी के पूरे शरीर लेप करना फायदेमंद है। एक घंटे बाद नहालें। इससे दौरों में कमी होकर रोगी स्वस्थ अनुभव करेगा।
3. मिर्गी रोगी को 250 ग्राम बकरी के दूध में 50 ग्राम मेंहदी के पत्तों का रस मिलाकर रोज सवेरे दो सप्ताह तक पीने से दौरे बंद हो जाते हैं।
4. रोजाना तुलसी के 20 पत्ते चबाकर खाने से रोग जल्दि ठीक होता है।
5. पेठा मिर्गी के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपाय है। पेठे की सब्जी बनाई जाती है लेकिन इसका जूस नियमित पीने से ज्यादा लाभ मिलता है।
6. गाय के दूध से बनाया हुआ मक्खन मिर्गी में फायदा पहुंचाता है। इसे आप दस ग्राम रोज खा सकते हैं।
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